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________________ प.प्रवर्तिनी गुरुवर्या श्री सज्जन श्री जी म.सा. संक्षिप्त परिचय - जन्म - नाम - माता-पिता - दीक्षा सं. - दीक्षा नाम - गुरुव- - प्रवर्तिनीपद - अध्ययन वैशाख पूर्णिमा, वि.सं. 1965, जयपुर सज्जन कुमारी महताबदेवी-गुलाबचन्दजी लूणिया आषाढ़ शुक्ला 2 वि.सं. 1999, जयपुर सज्जन श्री प्रवर्तिनी श्री ज्ञान श्री जी म.सा. मिगसर कृष्णा 6, वि.सं. 2039, जोधपुर आचार्य जिनकान्तिसागरसूरि के कर-कमलों द्वारा हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, राजस्थानी, अंग्रेजी भाषाओं की अधिकृत विदुषी आगमज्योति, वि.सं. 2032, जयपुर संघ द्वारा आशुकवयित्री, आगम मर्मज्ञा वि.सं. 1981, 'श्रमणी नामक ग्रन्थ जयपुर संघ द्वारा अर्पित पू.उपाध्याय मणिप्रभसागर जी म.सा. की पावन निश्रा में, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, गुजरात आदि जैन-जैनेत्तर सभी पर्वो में श्रेष्ठ मौन एकादशी, वि.सं. 2046, जयपुर वर्तमान में साध्वी श्री शशिप्रभाश्री जी म. आदि 22 पदवी - अभिनन्दन - विचरण - स्वर्गवास - शिष्यामंडली - रचित एवं अनुदित साहित्य - पुण्य जीवन ज्योति, श्रमणसर्वस्व, देशनासार, द्रव्य प्रकाश, कल्पसूत्र, चैत्यवन्दनकुलक, द्वादश पर्व व्याख्यान, श्री देवचन्द्र चौबीसीस्वोपज्ञ, सज्जन संगीत सुधा, सज्जन भजन भारती, सज्जन वचन पीयूष विशिष्टता- अत्यन्त सरल-सहजमानस, समन्वय साधिका, सौम्य व्यक्तित्व, अद्भुत वक्तृत्वकला, सर्वजनप्रिय, गुरूजनों की कृपापात्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001679
Book TitleJain Vidhi Vidhan Sambandhi Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2006
Total Pages704
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, History, Literature, & Vidhi
File Size11 MB
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