SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६५ ३. बन्धन के कारणों का बन्ध के चार प्रकारों से सम्बन्ध ४. अष्टकर्म और उनके कारण १. ज्ञानावरणीय कर्म ३६७ / ज्ञानावरणीय कर्म के बन्धन के कारण ३६७ / १. प्रदोष ३६७ / २. निह्नव ३६७ / ३. अन्तराय ३६७ / ४. मात्सर्य ३६७ / ५. असादना ३६७ / ६. उपघात ३६७ / ज्ञानावरणीय कर्म का विपाक ३६७ / १. मतिज्ञानावरण ३६७ / २. श्रुतिज्ञानावरण ३६७ / ३. अवधिज्ञानावरण ३६७ / ४. मनःपर्याय ज्ञानावरण ३६७ / ५. केवल ज्ञानावरण ३६७ / २. दर्शनावरणीय कर्म ३६८ | दर्शनावरणीय कर्म के बन्ध के कारण ३६८ | दर्शनावरणीय कर्म का विपाक ३६८ / १. चक्षुदर्शनावरण ३६८/२. अचक्षुदर्शनावरण ३६८ | ३. अवधिदर्शनावरण ३६८) ४. केवलदर्शनावरण ३६८ ! ५ निद्रा ३६८ / ६. निद्रानिद्रा ३६८ / ७. प्रचला ३६८ / ८. स्त्यानगृद्धि ३६८ / ३. वेदनीय कर्म ३६८/ सातावेदनीय कर्म के कारण ३६९ / सातावेदनीय कर्म का विपाक ३६९ / असातावेदनीय कर्म के कारण ३६९ / ४. मोहनीय कर्म ३७० / मोहनीय कर्म के बन्ध के कारण ३७० / (अ) दर्शन मोह ३७१ / (ब) चारित्र मोह ३७१ / ५. आयुष्य कर्म ३७२ / आयुष्य-कर्म के बन्ध के कारण ३७२ / (अ) नारकीय जीवन की प्राप्ति के चार कारण ३७२/ (ब) पाशविक जीवन की प्राप्ति के चार कारण ३७२ / (स) मानव जीवन की प्राप्ति के चार कारण ३७३ / (द) दैवीय जीवन की प्राप्ति के चार कारण ३७३ / आकस्मिकमरण ३७३ / ६. नाम कर्म ३७३ / शुभनाम कर्म के बन्ध के कारण ३७४ | शुभनाम कर्म का विपाक ३७४ / अशुभनाम कर्म के कारण ३७४ / अशुभनाम कर्म का विपाक ३७४ / ७. गोत्र कर्म ३७५ / उच्च गोत्र एवं नीच गोत्र के कर्मबन्ध के कारण ३७५ / गोत्र कर्म का विपाक ३७५ / • ८. अन्तराय कर्म ३७५ / १. दानान्तराय ३७६ / २. लाभान्तराय ३७६ । ३. भोगान्तराय ३७६ / ४. उपभोगान्तराय ३७६ / ५. वीर्यान्तराय ३७६ ! Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001674
Book TitleJain Bauddh aur Gita ke Achar Darshano ka Tulnatmak Adhyayana Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1987
Total Pages586
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy