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२१८
२२०
२२५
(अ) ज्ञानोपयोग २१५ / (ब) दर्शनोपयोग २१७ / (स) आत्म
निर्णय को शक्ति (वीर्य) २१७ / आनन्द २१८ । ७. आत्मा परिणामी है
अपरिणामी आत्मवाद की नैतिक समीक्षा २१९/ ८. आत्मा कर्ता है
एकान्त कर्तृत्ववाद के दोष २२१ / आत्मा-कर्तृत्व के सम्बन्ध में कुन्दकुन्द के विचार २२२ / एकान्त अकर्तृत्ववाद के दोष २२३ / निष्कर्ष २२३ / बौद्ध दृष्टिकोण की समीक्षा २२३ /
गीता का दृष्टिकोण २२४ / ९. आत्मा भोक्ता है १०. आत्मा स्वदेह परिणाम है
आत्मा के विभुत्व की नैतिक समीक्षा २२६ / ११. आत्माएँ अनेक हैं
एकात्मवाद की नैतिक समीक्षा २२६ / अनेकात्मवाद की नैतिक कठिनाई २२७ / जैन दर्शन का निष्कर्ष २२७ / बौद्ध दृष्टिकोण
२२८ / गीता का दृष्टिकोण २२९/ १२. आत्मा के भेद
विवेक-क्षमता के आधार पर आत्मा के भेद २३० / जैविक आधार पर प्राणियों का वर्गीकरण २३१ / गतियों के आधार पर जीवों का वर्गीकरण २३२/
२२६
२३०
आत्मा की अमरता
२३५
२३७
१. अनित्य आत्मवाद
एकान्त अनित्य आत्मवाद की नैतिक समीक्षा २३६ / २. नित्य-आत्मवाद
एकान्त नित्य-आत्मवाद की नैतिक कठिनाई २३८ / ३. जैन दृष्टिकोण ४. बौद्ध दृष्टिकोण
बुद्ध के आत्मवाद के सम्बन्ध में दो गलत दृष्टिकोण २४१ /
२३८ २४०
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