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________________ 92 साध्वी मोक्षरत्ना श्री १३. उनतीसवें उदय में महत्तरा-पदस्थापना की विधि, महत्तरा के गुणों तथा महत्तरा के कार्यों का निर्देश किया गया है। १४. तीसवें उदय में साधु-साध्वियों की अहोरात्रि की क्रियाओं का वर्णन किया गया है, अर्थात् प्रातः - संस्तारक का त्याग करने से लेकर पुनः रात्रि को संस्तारक ग्रहण करने तक की विभिन्न क्रियाओं का वर्णन किया गया है। इस उदय में जिनकल्पी, स्थविरकल्पी एवं प्रत्येकबुद्ध साधु-साध्वियों के संयमोपकरणों की भी विस्तृत चर्चा की गई है। संयमोपकरणों का परिमाण कितना होना चाहिए, उनकी क्या उपयोगिता है? इसका भी इसमें उल्लेख किया गया है। १५. एकतीसवें उदय में साधु-साध्वियों की ऋतुचर्या-विधि का उल्लेख किया गया है। किस ऋतु में मुनि को कैसा आचरण करना चाहिए? इस विषय का इसमें विवेचन किया गया है। इसके साथ ही इस प्रकरण में विहार की विधि, आर्य-अनार्य देशों की सूची, लोच की विधि, कल्पतर्पण की विधि, व्याख्यान की विधि भी बताई गई है। १६. बत्तीसवें उदय में मुनि के अंतिम संस्कार की विधि उल्लेखित है। इस उदय में न केवल उत्कृष्टतः बारह वर्षीय संलेखना-विधि का उल्लेख ही किया गया है, वरन् मुनि की मृत्यु हो जाने पर अन्तिम-संस्कार के रूप में जो क्रिया की जाती है, उसका भी इसमें विवेचन किया गया है। पंचक, आदि में मुनि की मृत्यु होने पर उससे उत्पन्न दोषों का निवारण किस प्रकार किया जाए? इसका भी इसमें उल्लेख किया गया है। (स) गृहस्थ एवं मुनि के सामान्य आठ संस्कार - आचारदिनकर के द्वितीय विभाग में सामान्य आठ संस्कारों का विवेचन किया गया है। ये आठ संस्कार साधु एवं गृहस्थ- दोनों द्वारा संयुक्त रूप से करवाए जाते हैं, अर्थात् इन संस्कारों की निष्पत्ति में इन दोनों का सहयोग आवश्यक है, जैसे- प्रतिष्ठाविधि में बृहत्स्नात्रपूजा, आदि करने हेतु श्रावक (गृहस्थ) की आवश्यकता होती है तथा नेत्रोन्मीलन, प्राणप्रतिष्ठा, आदि हेतु मुनि की आवश्यकता होती है, इस प्रकार से आठों ही संस्कार मुनि एवं गृहस्थ-दोनों के लिए सामान्य रूप से बताए गए हैं। इन आठ संस्कारों की विषय-सामग्री का संक्षिप्त विवरण निम्नांकित है Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001671
Book TitleJain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Vidhi, & Culture
File Size24 MB
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