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________________ 80 साध्वी मोक्षरत्ना श्री श्राद्धसंस्कारकुमुदेन्दु (पूर्वार्द्ध) वर्धमानसूरिकृत आचारदिनकर एवं शान्तिविजयजीकृत जैनसंस्कार-विधि से उद्धृत श्राद्धसंस्कारकुमुदेन्दु पूर्वार्द्ध”६ का हिन्दी अनुवाद एवं विवेचन साध्वी श्री सुज्ञानश्रीजी ने किया है। इस कृति के अन्तर्गत गर्भाधान, पुंसवन, आदि संस्कारों का उल्लेख मिला है। इस कृति में आचारदिनकर के मूल श्लोकों या गाथाओं को लेकर ही बात कही गई है, अतः इस विषय में ज्यादा कुछ कहना पिष्टपेषण ही होगा। श्री तपोरत्न महोदधि - यह एक संकलित कृति है। इस कृति के संपादक तपागच्छीय पंन्यास श्री जिनेन्द्रविजयजी हैं। इस कृति का मुख्य आधार भी आचारदिनकर, विधिमार्गप्रपा, आदि ग्रन्थ रहें हैं। इस कृति के प्रथम भाग में वर्णित ८८ तप आचारदिनकर में से उदधृत हैं। इस कृति का ही हिन्दी अनुवाद करके, चाँदमलसीपाणी ने उसे तपरत्नाकर के रूप में प्रस्तुत किया है। १६ श्राद्धसंस्कार कुमुदेन्दु पूर्वार्द्ध, श्रीमान् बसंतीलालजी कोचर, हींगणघाट, प्रथम संस्करण, वि.स. १६५४. 7. तपोरत्न महोदथि, सं.: जिनेन्द्रविजयजी, श्री हर्षपुष्पामृत जैनग्रंथमाला, लाखावाबल, शांतिपुरी (सौराष्ट्र), प्रथम आवृत्ति १६८२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001671
Book TitleJain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Vidhi, & Culture
File Size24 MB
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