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वर्धमानसूरिकृत आचारदिनकर में प्रतिपादित संस्कारों का तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन
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संस्कार सम्बन्धी उल्लेख विस्तृत रूप में मिलते हैं। वेदों के पश्चात् संस्कारों का उल्लेख ब्राह्मणग्रन्थों में भी मिलता है, जैसे- गोपथब्राह्मण में उपनयन का कुछ वर्णन मिलता है। शतपथब्राह्मण में उपनयन, गोदान, संस्करण, अन्त्येष्टि, आदि का उल्लेख मिलता है। इसी प्रकार ऐतरेय एवं ताण्ड्य-ब्राह्मण में भी हमें उपनयन-संस्कार सम्बन्धी कुछ उल्लेख मिलते हैं।
इसी प्रकार तैत्तिरीय आरण्यक, छान्दोग्य-उपनिषद् में भी हमें विवाह आदि संस्कारों की आंशिक चर्चा मिलती है।
इस प्रकार उपर्युक्त प्राचीन ग्रन्थों में कुछ संस्कारों की आंशिक चर्चा ही मिलती है। इनकी विस्तृत चर्चा गृह्यसूत्रों, धर्मसूत्रों एवं स्मृतियों में मिलती है। जैसे- आश्वलायन-गृह्यसूत्र में विवाह, गर्भाधान, पुंसवन, जातकर्म, नामकरण, चूडाकर्म, अन्नप्राशन, उपनयन, अन्त्येष्टि संस्कारों का उल्लेख मिलता है। पारस्कर एवं बौधायन-गृह्यसूत्र में उपर्युक्त संस्कारों के अतिरिक्त निष्क्रमण (सूर्य-चन्द्र-दर्शन-संस्कार) का भी उल्लेख मिलता है। वाराह-गृह्यसूत्र एवं वैखानस-गृह्यसूत्रों में भी जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, आदि संस्कारों की चर्चा मिलती है।
गौतम-धर्मसूत्र में गर्भाधान, पुंसवन, जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चौलकर्म, उपनयन एवं विवाह-संस्कार का ही वर्णन मिलता है। स्मृतियों में संस्कारों का उल्लेख है। मनुस्मृति में गर्भाधान, पुंसवन, जातकर्म, नामधेय, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूडाकर्म, उपनयन, विवाह एवं श्मशान का उल्लेख मिलता है। याज्ञवल्क्यस्मृति में भी इन्हीं संस्कारों का उल्लेख है। इसी प्रकार व्यास, गौतमस्मृति, आदि में भी संस्कारों का उल्लेख मिलता है।
उपर्युक्त प्राचीन ग्रन्थों के अतिरिक्त मध्यकालीन ग्रन्थों, यथावीरमित्रोदय, स्मृतिचन्द्रिका, संस्कारमयूख, धर्मशास्त्र का इतिहास, आदि में भी षोडश संस्कारों का उल्लेख मिलता है।
- उपर्युक्त सभी प्राचीन एवं अर्वाचीन ग्रन्थों में इन संस्कारों के अतिरिक्त अन्य संस्कारों की भी चर्चा मिलती है, किन्तु यहाँ उन्हीं संस्कारों का उल्लेख किया गया है, जिनकी चर्चा आचारदिनकर के गृहस्थ सम्बन्धी षोडश संस्कारों में मिलती
७६ हिन्दू संस्कार, डॉ. राजबली पाण्डेय, अध्याय-एक, पृ.-५, चौखम्मा विद्याभवन, वाराणसी, पंचम संस्करण
१९६५. हिन्दू संस्कार, डॉ. राजबली पाण्डेय, अध्याय-एक, पृ.-५, चौखम्भा विद्याभवन, वाराणसी, पंचम संस्करण १६६५.
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