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________________ 218 साध्वी मोक्षरत्ना श्री अध्याय-५ आचारदिनकर में वर्णित मुनि-जीवन के संस्कार इस अध्याय में आचारदिनकर में वर्णित मुनि-जीवन के संस्कारों का विवेचन किया गया है। इसके साथ ही मुनि-जीवन के इन षोडश संस्कारों का वैदिक एवं दिगम्बर- परम्परा में वर्णित संस्कारों के साथ तुलना एवं समीक्षा की गई है। आचारदिनकर में वर्णित मुनि-जीवन के इन षोडश संस्कारों में से कुछ संस्कारों की चर्चा दिगम्बर-परम्परा में तो मिलती है, किन्तु वैदिक-परम्परा में प्रायः हमें इन संस्कारों का विशेष उल्लेख नहीं मिलता है। हाँ, वैदिक-परम्परा में वर्णित वानप्रस्थाश्रम एवं संन्यासाश्रम को आचारदिनकर में वर्णित क्षुल्लकसंस्कार एवं प्रव्रज्यासंस्कार के समतुल्य माना जा सकता है, किन्तु उन्हें भी पूर्णरूपेण उनके सदृश नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि उनके आचार में भिन्नता होने के कारण इसमें भेद पाया जाता है। ___ आदिपुराण में हमें आचारदिनकर की भाँति ब्रह्मचर्यव्रत-विधि, क्षुल्लकविधि, योगोद्वहनविधि, वाचनाग्रहणविधि, उपाध्यायपदस्थापन-विधि, साध्वी को दीक्षा प्रदान करने की विधि, प्रवर्तिनी एवं महत्तरापदस्थापन की विधि, अहोरात्रि की चर्याविधि एवं ऋतुचर्याविधि का उल्लेख नहीं मिलता है, अर्थात् वहाँ इन विधि-विधानों को संस्कारों की श्रेणी में नहीं रखा गया है। फिर भी दिगम्बर-परम्परा के ग्रन्थों में इनसे सम्बन्धित यत्किंचित् जानकारी अवश्य मिलती है और उन्हीं ग्रन्थों का आधार लेकर हमने आचारदिनकर में वर्णित मुनि-जीवन के षोडश संस्कारों की दिगम्बर-परम्परा से तुलना की हैं। आदिपुराण में स्पष्ट रूप से आचारदिनकर में वर्णित मुनि-जीवन के षोडश संस्कारों में से जिन संस्कारों की चर्चा हुई, वे हैं- प्रव्रज्याविधि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001671
Book TitleJain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Vidhi, & Culture
File Size24 MB
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