SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 142
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 138 साध्वी मोक्षरत्ना श्री दिगम्बर-जैन एवं वैदिक-परम्परा में इस संस्कार को अलग से कोई स्थान नहीं दिया गया है, अपितु इसे जातकर्म-संस्कार में ही अन्तर्निहित कर दिया गया है। जातकर्म- संस्कार के साथ-साथ मंत्रोच्चारपूर्वक यह क्रिया उसी दिन सम्पन्न कर दी जाती है। श्वेताम्बर-परम्परा में यह संस्कार जैनब्राह्मण या क्षुल्लक द्वारा करवाया जाता है। दिगम्बर-परम्परा के आदिपुराण नामक ग्रन्थ में यह संस्कार पिता द्वारा कराने का संकेत मिलता है, जबकि वैदिक-परम्परा में यह संस्कार पिता या वैदिक-ब्राह्मण द्वारा करवाए जाने का उल्लेख मिलता है। इस प्रकार जैन एवं वैदिक- दोनों परम्पराओं में यह संस्कार मंत्रोच्चारपूर्वक करवाया जाता है, परन्तु श्वेताम्बर-परम्परा में यह विशेषता है कि उसमें "क्षीराशन-संस्कार" को अलग से निर्देशित किया गया है, जबकि अन्य परम्पराओं में इसे स्वतंत्र संस्कार नहीं माना गया है, अपितु इसे जातकर्म-संस्कार में ही अन्तर्निहित कर दिया गया है। वर्धमानसूरि ने आचारदिनकर में इसकी निम्न विधि प्रस्तुत की हैक्षीराशन-संस्कार - जन्म के पश्चात तीन दिन होने पर चन्द्र-सूर्यदर्शन के दिन ही शिश को दूध का आहार कराते हैं। उसके लिए पूर्व में बताए गए अनुरूप वेश को धारण करने वाले गृहस्थ-गुरु सर्वप्रथम अमृतमंत्र के द्वारा १०८ बार अभिमंत्रित किए गए तीर्थजल को शिशु की माता के दोनों स्तनों पर सिंचित करे, तत्पश्चात् माता की गोद (अंक) में स्थित शिशु की नासिका को माता के स्तन से लगाकर स्तनपान कराते हुए गृहस्थ-गुरु उस शिशु को वेदमंत्र से आशीर्वाद दे। एतदर्थ विस्तृत जानकारी हेतु मेरे द्वारा अनुदित आचारदिनकर के अनुवाद को देखा जा सकता है। २५७ आदिपुराण, जिनसेनाचार्यकृत, अनु.-डॉ. पन्नालाल जैन, पर्व-चालीसवाँ, पृ.-३, भारतीय ज्ञानपीठ, सातवाँ संस्करण २००० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001671
Book TitleJain Sanskar Evam Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Vidhi, & Culture
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy