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________________ विषय-सूची प्रकाशकीय प्रस्तावना भाग १ : व्याकरण १-१३८ प्रथम अध्याय वर्णमाला द्वितीय अध्याय - स्वनि परिवर्तन ४-२२. [स्वर परिवर्तन ४, असंयुक्त व्यञ्जन परिवर्तन ८, संयुक्त व्यञ्जन परिवर्तन १४ ] तृतीय अध्याय लिङ्गानुशासन २३-२५ चतुर्थ अध्याय सन्धि २६-३३ [स्वर सन्धि २६,अव्यय सन्धि ३०, व्यञ्जन सन्धि ३१] पंचम अध्याय कृत्-प्रत्यय ३४-४२ [ वर्तमानकालिक ३४, भूतकालिक ३६, भविष्यत्कालिक ३८, सम्बन्धसूचक ३८, हेत्वर्थक ४० विध्यर्थक ४०, शीलधर्मवाचक ४२ } तसित-प्रत्यय [ अपत्यार्थक ४३, अतिशयार्थक ४३, मत्वर्थीय ४४, इदमार्थक ४५, भावार्थक ४६, भवार्थक ४७, सादृश्यार्थक ४७, आवृत्यर्थक ४७, विभक्त्यर्थक ४७, परिमा णार्थक ४८, कालार्थक ४८, स्वार्थिक ४९ ] सप्तम अध्याय स्त्री-प्रत्यय ५०-५२ अष्टम अध्याय अव्यय एवं उपसर्ग ५३-६० [अव्यय ५३, उपसर्ग ५८ ] कारक एवं विभक्ति . ६१-७२ [प्रथमा ६४, द्वितीया ६५, तृतीया ६७, चतुर्थी ६८, पश्चमी ७०, षष्ठी ७१, सप्तमी ७२] षष्ठ अध्याय .मबम अध्याय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |
SR No.001669
Book TitlePrakrit Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2005
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size13 MB
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