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________________ विश्वतत्त्वप्रकाशः सदी में विद्यमान माना गया था । किन्तु हरिभद्र का अकलंकन्याय यह शब्द न्यायदर्शन के पूर्वपक्ष के लिए है अतः अकलंकदेव के समय से उस का सम्बन्ध नही है । अकलंक के छह ग्रन्थ प्राप्त हैं । इन में दो व्याख्यानात्मक तथा चार स्वतन्त्र हैं। इन का क्रमशः परिचय इस प्रकार है। तत्वार्थवार्तिक-तत्त्वार्थसूत्र की इस टीका का परिमाण १६००० श्लोकों जितना है। इस में प्रत्येक सूत्र के विषय की साधकबाधक चर्चा करनेवाले वाक्य - वार्तिक– हैं, तथा उन का लेखकने ही विशद विवरण दिया है। अतः इस ग्रन्थ को तत्वार्थवार्तिकव्याख्यानालंकार अथवा तत्त्वार्थभाष्य भी कहा गया है। विद्यानन्द के श्लोकवार्तिक से पृथकता बतलाने के लिए इसे राजवार्तिक यह नाम दिया गया है। पूज्यपाद की सर्वार्थसिद्धि वृत्ति का बहुभाग अकलंक ने वार्तिक रूप में समाविष्ट कर लिया है, तथा श्वेताम्बर परम्परा में मान्य सूत्रपाठ की यथास्थान आलोचना की है। तत्त्वार्थ के विषयानुसार षटखंडागमादि आगम ग्रन्थों का योग्य उपयोग इस में किया गया है। किन्तु इस की विशेषता यह है कि आगमिक विषयों के स्पष्टीकरण में भी यथासम्भव सर्वत्र अनेकान्त की दार्शनिक पद्धति का अनुसरण किया है। दार्शनिक चर्चा की दृष्टि से इस का प्रारम्भिक भाग ( जिस में मोक्षमार्ग का विवेचन है) तथा चतुर्थ अध्याय का अन्तिम भाग ( जिस में जीव के स्वरूप का विशद विवेचन है ) विशेष महत्त्वपूर्ण है। [प्रकाशन-१ मूलमात्र, सं. पं. गजाधरलाल, सनातन जैन ग्रन्थमाला १९१५, बनारस; २ हिन्दी अनुवाद, सं. पं. मक्खनलाल, हरीभाई देवकरण ग्रन्थमाला क्र. ८, कलकत्ता; ३ मूल तथा हिन्दी सार, सं. पं. महेन्द्रकुमार, भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस.] अष्टशती- यह समन्तभद्रकृत आप्तमीमांसा की टीका है। ८०० श्लोकों जितने विस्तार की होने से इसे अष्टशती कहा जाता है। आप्तमीमांसा में चर्चित विविध एकान्तवादों के पूर्वपक्ष तथा निराकरण का १) विस्तृत चर्चा के लिए सिद्धिविनिश्चयटीका की प्रस्तावना देखिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001661
Book TitleVishwatattvaprakash
Original Sutra AuthorBhavsen Traivaidya
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherGulabchand Hirachand Doshi
Publication Year1964
Total Pages532
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Literature
File Size9 MB
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