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अध्याय
१
शुद्धचिद्रूपके लक्षण
२ शुद्धचिद्रूपके ध्यान में
३
शुद्धचिद्रूपकी प्राप्ति के
४ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्ति में
अध्याय - सूचिका
विषय
७
उत्साह प्रदान
उपायोंका वर्णन
सुगमताका वर्णन
शुद्धचिद्रूपकी पहिले कभी भी प्राप्ति नहीं हुई इस बातका वर्णन
६ शुद्धचिद्रूपके स्मरणमें निश्चलताका वर्णन
शुद्धचिद्रूपके स्मरणमें नयोंके अवलम्बनका वर्णन
८ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्ति के लिये भेद-विज्ञान की आवश्यकताका वर्णन
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पृष्ठ संख्या
१
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१३
२६
३७
७४
९ शुद्धचिद्रूपके ध्यानके लिये मोहत्यागकी उपयोगिता
८५
१० शुद्धचिद्रूपके ध्यानार्थ अहंकार-ममकारता के त्यागका उपदेश ९६
१०२
११०
४८
५६
६५
११ शुद्धचिद्रूपके रुचिवन्तों की विरलताका वर्णन
१२ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्तिके असाधारणकारण रत्नत्रय
१३ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्तिके लिये विशुद्धिकी आवश्यकताका प्रतिपादन
११९
१४
१३९
अन्य कार्योंके करने पर भी शुद्धचिद्रूपके रमरणका उपदेश १२९ १५. शुद्धचिद्रूपकी प्राप्तिके लिये परद्रव्योंके त्यागका उपदेश १६ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्तिके लिये निर्जन स्थानका उपदेश १७ शुद्धचिद्रूपमें प्रेमवर्धनका उपदेश
१४८
१५७
१८ शुद्धचिद्रूपकी प्राप्तिके क्रमका वर्णन
१६७
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