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________________ विषय-सूची ४७ २२६ २२७ २१५ द्रव्योंके ग्यारह सामान्यस्वभाव २१३ गुण और स्वभावमें अन्तर २२० द्रव्योंके दस विशेष स्वभाव २१३ विशेष स्वभावोंको व्युत्पत्ति २२१ जीव और पुद्गलके इक्कीस स्वभाव २१३ दुर्नयका विषय मिथ्या क्यों ? २२१ कालके पन्द्रह स्वभाव २१३ सर्वथा शब्दके अर्थ २२२ शेष द्रव्योंके सोलह स्वभाव २१३ सर्वथा एकान्तवादमें दोष २२२ प्रमाणका स्वरूप तथा भेद २१३ स्वभावोंमें नययोजना २२३-२२४ नयके भेद २१४ प्रमाणका स्वरूप तथा भेद २२५ उपनयका स्वरूप तथा भेद २१४ नयका स्वरूप तथा व्युत्पत्ति २२५ द्रव्याथिकके दस भेद २१४ निक्षेपको व्युत्पत्ति तथा भेद २२५ कर्मोपाधि निरपेक्ष शुद्धद्रव्याथिक २१४ द्रव्याथिककी व्युत्पत्ति २२६ सत्ताग्राहक शुद्ध द्रव्यार्थिक २१५ पर्यायाथिककी व्युत्पत्ति २२६ भेदकल्पना निरपेक्ष शुद्धद्रव्यार्थिक नैगम आदिको व्युत्पत्ति कर्मोपाधि सापेक्ष अशुद्धद्रव्यायिक २१५ निश्चय और व्यवहारको व्युत्पत्ति २२७ उत्पादव्यय सापेक्ष अशुद्धद्रव्यार्थिक २१५ सद्भूतव्यवहारका स्वरूप २२७ भेदकल्पना सापेक्ष अशद्धद्रव्याथिक २१५ उपचरितासद्भूतव्यवहारकी व्युत्पत्ति अन्वय द्रव्याथिक सद्भूतव्यवहारका अर्थ २२७ स्वद्रव्यादि ग्राहक द्रव्याथिक असद्भूत व्यवहारके अर्थके नौ प्रकार २२७ परद्रव्यादि ग्राहक द्रव्याथिक २१५ उपचरितासद्भूत व्यवहारनयका अर्थ २२७ परमभाव ग्राहक द्रव्याथिक २१५ अध्यात्म भाषाके द्वारा नयोंका कथन २२८ पर्यायाथिकके छह भेद २१५ निश्चयका स्वरूप और भेद २२८ अनादि नित्य पर्यायाथिक २१५ व्यवहारके भेद और उनका स्वरूप २२८ सादि नित्य पर्यायाथिक परिशिष्ट २ उत्पादव्ययग्राहक २१५. अनित्य शुद्धपर्यायाथिक २१५ नयविवरणकी विषय सूची २२९-२६८ सत्तासापेक्ष अनित्य अशुद्ध पर्यायाथिक २१५ नयसे प्रमाण पूज्य क्यों ? २२९ कर्मोपाधिनिरपेक्ष अनित्य शुद्ध पर्यायाथिक २१५ नय प्रमाण नहीं, उदाहरण पूर्वक कथन कर्मोपाधिसापेक्ष अनित्य अशुद्ध पर्यायाथिक तथा उसमें शंकाओंका परिहार २३०-२३१ नैगमनयके तीन भेद नय प्रमाणका एकदेश २३१ संग्रहनयके दो भेद २१६ नय प्रमाणसे पूज्य क्यों नहीं, इस आशंकाका व्यवहारनयके दो भेद २१६ परिहार २३२ ऋजुसूत्रनयके दो भेद २१६ नयकी प्रवृत्ति मतिज्ञान, अवधि और मनःपर्ययसे शब्दनय, समभिरूढनय, एवं भूतनय २१७ ज्ञात पदार्थके एकदेश में नहीं होती २३३ सद्भूतव्यवहारनयके दो भेद नयका मूल केवलज्ञान भी नहीं २३३ शुद्धसद्भूतव्यवहार २१७ अतः नय श्रुतज्ञानके भेद हैं। २३३ अशुद्धसद्भूतव्यवहार सामान्य से नय एक. विशेषसे दो. विस्तारसे असद्भूतव्यवहारनयके तीन भेद २१८ सात २३४ उपचरित असद्भूतव्यवहारनयके तीन भेद २१८ अत्यन्त विस्तारसे संख्यात प्रत्येक गुणकी व्युत्पत्ति २१८-२१९ नयकी व्युत्पत्ति २३६ पर्यायको व्युत्पत्ति २२० गुणार्थिक नामका तीसरा नय नहीं है २३६ स्वभावोंकी व्युत्पत्ति २२० दो ही मूल नय प्रस्ता०.७ २३५ २३७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001623
Book TitleNaychakko
Original Sutra AuthorMailldhaval
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages328
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size8 MB
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