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आप्तपरीक्षा-स्वोपज्ञटीका [कारिका ८३ सकलकर्मभूभृद्धेतृत्वात् । तथा हि-कपिलात्मना संस्पृष्टं प्रधानं विश्ववेदि कर्मराशिविनाशित्वात् । यत्तु न विश्ववेदि तन्नकर्मराशि विनाशीष्टं दृष्टं वा, तथा व्योमादि। कर्मराशिविनाशि च प्रधानम्, तस्माद्विश्व. वेदि । न चास्य कर्मराशिविनाशित्वमसिद्धम, रजस्तमोविवाशुद्धकर्मनिकरस्य सम्प्रज्ञातयोगबलात्प्रध्वंससिद्धेः सत्त्वप्रकर्षाच्च सम्प्रज्ञात. योगघटनात् । तत्र सर्वज्ञवादिनां विवादाभावात इति सांख्यानां दर्शनम्; तदप्यसम्भाव्यमेव; स्वयमेव प्रधानस्याचेतनत्वाभ्युपगमात् । तथा हिन प्रधानं कर्मराशिविनाशि स्वयमचेतनत्वात्, यत्स्वयमचेतनं तन्न कर्मराशिविनाशि दृष्टम्, यथा वस्त्रादि । स्वयमचेतनं च प्रधानम्, तस्मान्न कर्मराशिविनाशि। चेतनसंसर्गात्प्रधानस्य चेतनत्वोपगमादसिद्धं साधनमिति चेत्, न; स्वयमिति विशेषणात् । स्वयं हि प्रधानमचेतनमेव वह विश्ववेदी नहीं है, जैसे घटादिक । और विश्ववेदी प्रधान है, इसलिये वह ज्ञ ही है। और प्रधान विश्ववेदी है, क्योंकि वह समस्त कर्मपर्वतोंका भेत्ता है। वह इस प्रकारसे-कपिलकी आत्मासे संसर्गी प्रधान विश्ववेदी है, क्योंकि कर्मसमूहका नाशक है। जो विश्ववेदो नहीं है वह कर्मसमूहका नाशक इष्ट नहीं है अथवा देखा नहीं जाता है, जैसे आकाशादिक । और कर्मसमहका नाशक प्रधान है, इस कारण वह विश्ववेदी है। और प्रधानके कर्मसमूहका नाशकपना असिद्ध नहीं है, क्योंकि रज और तमके परिणामरूप अशुद्ध कर्मसमूहका उसके सम्प्रज्ञातयोगके बलसे नाश सिद्ध है और सत्वका प्रकर्ष होनेसे सम्प्रज्ञातयोग सम्पपन्न है, क्योंकि उसमें सर्वज्ञ वादियोंको विवाद नहीं है जो सर्वज्ञको मानते हैं वे उसके सम्प्र. ज्ञातयोग ( जैन मान्यतानुसार तेरहवें गुणस्थानवर्ती शुक्लध्यान ) को अवश्य स्वीकार करते हैं। अतः सिद्ध है कि प्रधान ही ज्ञाता आदि होनेसे मोक्षमार्गका उपदेशक है ? यह हमारा दर्शन है ?
जैन-आपका यह दर्शन ( मत) भी असम्भव है, क्योंकि आपने स्वयं ही प्रधानको अचेतन स्वीकार किया है। अतः हम सिद्ध करेंगे कि 'प्रधान कर्मसमूहका नाशक नहीं है, क्योंकि वह स्वयं अचेतन है। जो स्वयं अचेतन है वह कर्मसमूहका नाशक नहीं देखा जाता, जैसे वस्त्रादिक । और स्वयं अचेतन प्रधान है, इस कारण वह कर्मसमूहका नाशक नहीं है।'
सांख्य-चेतन ( आत्मा ) के संसर्गसे प्रधानको हमने चेतन माना है, अतः आपका हेतु असिद्ध है ?
जैन-नहीं, उक्त हेतुमें 'स्वयं' विशेषण दिया गया है। स्पष्ट है कि
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