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आप्तपरीक्षा-स्वोपज्ञटीका
विषय निरास पृथिवीत्वादि-अभिसम्बन्धसे एक-एक पृथिवी आदि द्रव्य माननेका निरास संग्रहके तीन भेद और उनकी आलोचना . ईश्वरोपदेशकी असंभवताका उपसंहार आप्तके कर्मभूभृद्भतृत्वकी असिद्धिकी आशङ्का उक्त आशङ्काका निराकरण आप्तके कर्मभूभृद्भेतृत्वकी सिद्धि ईश्वरके जगत्कर्तृत्वकी सिद्धिमें वैशेषिकोंका पूर्वपक्ष । ईश्वरके जगत्कर्तृत्वके खण्डनमें जैनोंका उत्तरपक्ष अनादि-सर्वज्ञ ईश्वर और उसके मोक्षमार्गप्रणयनकी असम्भवता कर्मके अभावमें ईश्वरके इच्छा और प्रयत्न शक्तिका अभाव केवल ज्ञानशक्तिसे ईश्वरसे कार्योत्पक्ति मानने में उदाहरण का अभाव जैनोंके जिनेश्वरका उदाहरण देना असंगत ईश्वरावतारवादियोंकी आलोचना शङ्करकी आलोचना ईश्वरके ज्ञानको नित्य माननेमें दूषण ईश्वरज्ञान प्रमाणरूप है या फलरूप ? दोनों पक्षोंमें दोषप्रदर्शन ईश्वरज्ञानको अनित्य माननेमें भी दोष ईश्वरज्ञानको अव्यापक स्वीकार करने में दोष ईश्वरज्ञानको नित्य-व्यापक स्वीकार करने में दोष ईश्वरज्ञान अस्वसंवेदि है या स्वसंवेदि ? इन दोनों विकल्पोंमें दोष भिन्न ईश्वरज्ञानमें दूषण भिन्न ईश्वरज्ञानका ईश्वरसे सम्बन्ध करानेवाले समवायका निराकरण समवायके 'अयुतसिद्धि' विशेषणकी समीक्षा युतप्रत्ययसे युतसिद्धिकी व्यवस्था करनेमें दोष
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