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________________ १६८ श्रावकाचार-संग्रह सोरठा दोष पच्चीस न जास, संवेगादिक गुण- हित । सप्त तत्व अभ्यास, कहै मुनीश्वर विप्र सुन ॥७० रोहा इस दरशन सरधान करि, निश्चै अर, व्यवहार । पूरब कथन विशेषतें, कह्यो ग्रन्थ अनुसार ॥७१ सात व्यसन निशि-अशन तजि, पालो वसु गुण मूल । चरम वस्तु जल विनु छण्यो, त्यागे व्रत अनुकूल ॥७२ चौपाई इत्यादिक मुनि-वचन सुनेइ, उपदेश्यो व्रत विधिवत लेइ । हरषित आयो निजधर मांहि, तासु क्रिया लखि सब विसमांहि ।।७३ अहो सात 'वसनी इह जोर, अरु मिथ्याती महा अघोर ।। ताको चलन देखिये इसो, श्रोजिन आगम भाष्यो तिसो ॥७४ मात-पिता तसु नेह करेइ, भूपति ताको आदर देइ । नगरमांहि मानें सब लोग, विविध तणे बहु भुंजै भोग ।।७५ पुण्य थकी सब ही सुख लहै, पाप उदै नाना दुख सहै। ऐसो जान पुण्य भवि करो, अघतें डरपि सबै परिहरो॥७६ महीदत्त बहुधन पाइयो, ततछिन पुण्य उदै आइयो । पूजा करे जपे अरहंत, मुनि श्रावक को दान करंत ॥७७ जिनमन्दिर जिनबिम्ब कराय, करी प्रतिष्ठा पुण्य उपाय । सिद्ध क्षेत्र वंदे बहु भाय, जिन आगम सिद्धान्त लिखाय ॥७८ आप पढ़ औरनिकों देय, सप्त क्षेत्र धन खरच करेय। निशि-दिन चाले व्रत अनुसार, पुण्य उपायो अनि सुखकार ॥७९ कितेक काल गया इह भांति, अन्त समय धारी उपशांति । दरशन ज्ञान चरण तप चार, आराधन मनमांहि विचार ||८० भाई निश्चै अरु व्यवहार, धारि संन्यांस अन्तको वार । शुभ भावनितें छाड़े प्रान, पायो षोड़श स्वर्ग विमान ॥८१ सिद्धि आठ अणिमादिक लही, आयु वीस द्वय सागर भई । पांचों इन्द्री के सुख जिते, उदै प्रमाण भोगिये तिते ॥८२ समकित धरम ध्यान जुत होय, पूरण आयु करइ सुर लोय । देश अवन्ती मालव जाण. उज्जैनी नगरी सुवखाण ॥८३ पथ्वी तल तस राज करेड. प्रेमकारिणी तिय गण गेह । समकित दृष्टी दंपति सही, जिन-आज्ञा हिरदै तिन गही ।।८४ स्वर्ग सोलमें ते सुर चयो, प्रेमकारिणी के सुत भयो। नाम सुधारस ताको दियो, मात-पिता अति आनन्द कियो ॥८५ दियो दान जाचक जन जितो, माप कथन होय नहिं तितो। विधिसों पूजे जिनवर देव, श्रुत-गुरु वंदन करि बहु सेव ।।८६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001555
Book TitleSharavkachar Sangraha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1998
Total Pages420
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Achar, & Religion
File Size23 MB
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