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________________ २५ ३६२ ३६४ ३६५ ३६९-४०१ ३७० ३७१ ३७२ विषय-सूची सामायिक शिक्षावतके अतीचारोंका निरूपण । प्रोषधोपवास शिक्षावतका वर्णन प्रोषधोपवास शिक्षाव्रतके अतीचारोंका वर्णन अतिथि संविभाग शिक्षावतका वर्णन दाता और पात्रके तीन प्रकारोंका तथा कुपात्र और अपात्रका वर्णन दानके अयोग्य अन्नका निरूपण पात्रदानके महान् पुण्यका वर्णन सल्लेखना धारण करनेका उपदेश और विधि-निरूपण सल्लेखनामरण आत्मघात नहीं, इस बातका सयुक्तिक निरूपण सल्लेखनाके अतीचारोंका निरूपण सप्त व्यसनोंके दोषोंका दिग्दर्शन और उनके त्यागका उपदेश २१. भव्यधर्मोपदेश उपासकाध्ययन मंगलाचरण और श्रावकाचार कहनेकी प्रतिज्ञा भरतक्षेत्रवर्ती दक्षिण देशस्थ आमईक नगरका वर्णन सज्जन-दुर्जन जनोंके स्वभावोंका वर्णन मगधदेश, राजगृहनगर और श्रेणिक राजाका वर्णन भगवान् महावीरका विपुलाचलपर पदार्पण और श्रेणिकका वन्दनार्थ गमन वन्दनके पश्चात् इन्द्रभूति गणधरसे श्रावकधर्मका श्रवण सम्यक्त्वका स्वरूप और उसक दार्षांका निरूपण सम्यक्त्वकी महिमाका वर्णन तीन मकार, पांच उदुम्बर फल एवं त्रसयुक्त पुष्पादिके भक्षणका निषेध रात्रिभोजनके दोष बताकर उसके त्यागका उपदेश सप्त स्थानोंमें मौन धारण करनेका उपदेश चर्मपात्रस्थ घृत-तेलादि तथा कन्दमूलादि अभक्ष्योंके त्यागका उपदेश सप्त व्यसनोंके सदृष्टान्त दोष बताकर उनके त्यागका उपदेश सप्त तत्त्व और नव पदार्थोंका निर्देश कर जीवतत्त्वका वर्णन अजीवादि शेष तत्त्वोंका स्वरूप-निरूपण जीवोंकी आयु, अवगाहना, कुल, योनि आदिका विस्तृत विवेचन व्रत प्रतिमाके अन्तर्गत श्रावकके बारह व्रतोंका वर्णन सामायिक प्रतिमाका स्वरूप-निरूपण करके उसके दोषोंका वर्णन ध्यान, ध्याता, ध्येय और ध्यानके फलका वर्णन प्रोषधोपवास प्रतिमाका वर्णन दान और पात्र-अपात्रादिका निरूपण जिनालयमें जिन-बिम्ब स्थापन करके उसके अभिषेक-पूजनादिका विधान पूजन-अभिषेकादिको सावद्यरूप बतानेवालोंके लिए खरा उत्तर सचित्त त्याग आदि प्रतिमाओंका संक्षिप्त वर्णन ३७४ ३७५ " ३७७ ३८१ ३८४ ३८६ ३९० ३९२ ३९३ ३९५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001553
Book TitleSharavkachar Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1998
Total Pages574
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Ethics
File Size14 MB
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