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श्रावकाचार-संग्रह
इत्यार्षे भगवज्जिनसेनाचार्य प्रणीते त्रिषष्टिलक्षणमहापुराणसङग्रहे द्विजोत्पत्ती
____क्रियामन्त्रानुवर्णनं नाम-चत्वारिंशत्तमं पर्व ॥ ४० ॥
सुन्दर कृतिको देखकर सभी लोग अपनेको कृतार्थ मानते है ॥ २२३ ॥
इस प्रकार भगवज्जिनसेनाचार्य प्रणीत त्रिषष्टिलक्षण महापुराण संग्रहमें द्विजोंकी क्रिया मंत्रोंका वर्णन करनेवाला यह चालीसवाँ
पर्व समाप्त हुआ ॥ ४० ॥
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