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१४७ . १ १४८ १८ १४८ २० १५० १३ १५२ १३ १५४ २
शुद्ध काइअस्स माणसिअस्स काइअस्स माणसिअस्स सम्मट्ठिी जइ वि मूलके संभरिआ
जितने
१५७ १५८
१८ १ ५
अशुद्ध काइअस्सा माणसिअस्सा काइअस्सा माणसिअस्सा समद्दिट्ठी जइ वि हु मूलमें सभरिआ जिनके ऐरावत बोलंतु तनह दुगंछिउं सम्म त्रस्त अदृष्टवस्तु बहोरनेका राइ रखना चित्ता श्रीवर्धमानके लिये अपूर्वचन्द्रकी कनिष्ठ उपासकोंका कनिष्ठ उपासकोंका च कुरु फटा पापसे
ऐरवत वोलंतु तरह दुगंछिउं त्रस अदत्तवस्तु बहोरानेका राइअं
,
१८
रखा
१६९ २ १७२ ५ १७३ १६ १७९ १७ १८३ ९
चित्तो श्रीवर्धमानको अपूर्वचन्द्रको उपासक प्राणियोंका उपासक प्राणियोंका कुरु
. १९७
२
१९९ २ २०१७
पाससे
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