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अर्थ-संकलना__ हे पूज्य | मैं सामायिक करता हूँ। अतः पापवाली प्रवृत्तिको प्रतिज्ञापूर्वक छोड़ देता हूँ । जबतक मैं इस नियमका सेवन करू, तबतक, मन, वचन और कायसे पापवाली प्रवृत्ति न करूंगा और न कराऊँगा । और हे पूज्य ! अभी तक उस प्रकारको जो पापवाली प्रवृत्ति की हो, उससे मैं निवृत्त होता हूँ, उस पापवाली प्रवृत्तिको मैं बुरी मानता हूँ और उसके सम्बन्धमें आपके समक्ष प्रतिज्ञा करता हूँ। अब मैं पापमय-प्रवृत्ति करनेवालो मलिन आत्माको छोड़ देता हूँ। सूत्र-परिचयइस सूत्रसे सामायिक करनेकी प्रतिज्ञा ली जाती है।
सामायिक (१)
प्रश्न-सामायिक क्या है ? उत्तर-एक धार्मिक क्रिया । प्रश्न-सामायिक शब्दका अर्थ क्या है ? उत्तर-समायकी क्रिया । प्रश्न-समाय किसे कहते हैं ? उत्तर-जिसमें सम अर्थात् राग-द्वेषरहित स्थितिका आय अर्थात् लाभ ___हो, उसको समाय कहते हैं । प्रश्न-सामायिककी क्रिया कौन कर सकता है ? उत्तर-कोई भी स्त्री-पुरुष कर सकता है । प्रश्न-उसके लिए क्या करना पड़ता है ?
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