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(९) चउव्वि(हा)हार
दिवसके शेष भागसे सम्पूर्ण रात्रि-पर्यन्तका प्रत्याख्यान करता है। उसमें चारों प्रकारके आहारका अर्थात् अशन, पान, खादिम और स्वादिमका अनाभोग, सहसाकार, महत्तराकार और सर्वसमाधि-प्रत्ययाकार-पूर्वक-त्याग करता है।
(१०) तिवि(हा)हार
दिवसके शेष भागसे सम्पूर्ण रात्रि-पर्यन्तका प्रत्याख्यान करता है। उसमें तीनों प्रकारके आहारका अर्थात् अशन खादिम और स्वादिमका अनाभोग, सहसाकार, महत्तराकार और सर्व-समाधिप्रत्ययाकार-पूर्वक त्याग करता है।
(११) दुवि(हा)हार
दिवसके शेष भागसे सम्पूर्ण रात्रि-पर्यन्तका प्रत्याख्यान करता है। उसमें दोनों प्रकारके आहारका अर्थात् अशन और खादिमका अनाभोग, सहसाकार, महत्तराकार और सर्व-समाधि-प्रत्ययाकारपूर्वक त्याग करता है।
(१२) देशावकाशिक
देशसे संक्षेप की हुई उपभोग और परिभोगकी वस्तुओंका प्रत्याख्यान करता है, और उसका अनाभोग, सहसाकार, महत्तराकार और सर्व-समाधि-प्रत्ययाकार पूर्वक त्याग करता है।
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