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अर्थ - उत्कर्ष की भावना में नन्दा तिथि, कल्याणकारी कामों में भद्रा, युद्ध, राज्य में विजय की इच्छा में जया, योग में रिक्ता, मोक्ष लाभ में तथा हृदय की इच्छाएँ पूर्ण होने पर पूर्ण तिथि मानी जाती है ।
एभिर्मिनो मत्वा कार्ये तात्कालिके फले । प्रश्न भाविनि वा भावे लाभयेत्सिद्धिनिश्चयम् ॥ २१ ॥
अन्वय- एभिः चिह्नः मनः मत्वा तात्कालिके फले कार्ये भाविनि प्रश्न भावे वा सिद्धि निश्चयं लाभयेत् ॥ २१ ॥
अर्थ - इन्हीं लक्षणों से मन की स्थिति को समझकर शीघ्र ( तात्का(लिक) कार्य की सफलता एवं भावि प्रश्न के निदान अथवा उसमें सफलता के बारे में निश्चय करना चाहिए ।
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॥ इति श्री अर्हद्गीतायां द्वादशोऽध्यायः ।।
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अर्हद्गीता
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