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________________ श्री सरस्वतीमहापूजन संनिरोध आँ क्रौं मा श्री विद्यापीठप्रतिष्ठिता गौतमपदभक्ता देवी सरस्वती पूजान्तं यावद् अत्रैव स्थातव्यम् ।। अवगुंठन ॐ आँ क्रौं का श्री विद्यापीठप्रतिष्ठिता गौतमपदभक्ता देवी सरस्वती परेषां अदृश्या भव भव ।। यंत्रपीठिका स्थापना ॐ का अहँ श्री सरस्वतीदेवि ! अत्र मेरुनिश्चले वेदिकापीठे तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्वाहा ।। (यंत्रने हस्तस्पर्श करवो) ॐ भी अहँ श्री सरस्वतीदेवि महापूजनयन्त्राय नमः ।। यंत्रसंस्कार जो पूजनमां यंत्र पधराव्यो होय तो तेनो संस्कार नीचे मुजब करवो, (१) प्रथम दूधवडे प्रक्षाल करवो. (२) पछी पाणीवडे प्रक्षाल करवो. (३) पछी त्रण अंगलुंछणांथी लूंछी साफ करवो. (४) पछी तेने थालीमां पधरावी तेना उपर पूजाना द्रव्यो चडावता ज. श्रीश्रुतज्ञानपूजन अर्हद्वक्त्रप्रसूतं गणधररचितं द्वादशाङ्गं विशालं, चित्रं बह्वर्थयुक्तं मुनिगणवृषभैर्धारितं बुद्धिमद्भिः । मोक्षाग्रद्वारभूतं व्रतचरणफलं ज्ञेयभावप्रदीपं, भक्त्या नित्यं प्रपद्ये श्रुतमहमखिलं सर्वलोकैकसारम् ।। दुहो श्री श्रुतदेवी भगवती जे ब्राह्मी लिपिरूप । प्रणमे जेहने गोयमा, हुं वंदु सुखरूप ।। मंत्र - अहँ उत्पत्तिस्थितिसंहृतीति त्रिपथगरूपाय मिथ्यात्ववैताढ्यभेदकाय श्रीश्रुतज्ञानाय गन्धं यजामहे स्वाहा ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001464
Book TitleSaraswatimahapoojan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryodaysuri
PublisherJain Granth Prakashan Samiti
Publication Year2000
Total Pages32
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Pujan
File Size2 MB
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