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अथना संयोजनवाळ एकमा) पनि अन अर्थना स्वीकृत नियमा लागु पाडीने साधी शकात न होय ते देश्य. आमांना जीजा प्रकारना शब्दोनुं -एटले के देश्य शब्दानप्रमाणीकरण मान्य देशीकाशानी रचना द्वारा यतुं. हेग बंद्रे 'सिद्धहेम-शब्दानुशासन'मा तत्सम अनं तद्भव पदो सिद्ध करवानुं कार्य ते माटेनां सूत्रो रचीने पार पाड्यु. वाकी रहेलो ददन शब्दांना प्रकारनी तेमणे देना-मां संभाळ लीधी. देना. उपरनी स्वोपज्ञ वृत्तिमा तेमणे स्पष्ट कर्यु छे के लाप, आगम अने विकार ए प्रक्रियाओ उपर आधारित, व्याकरणगत नियमोने आधारे जे शब्दो संस्कृतमांधी सिद्ध थई शकता नथी तेमना देना. म संग्रह करेला छ.
_ निरूप्य विषयनी मर्यादाओं दर्शावतां हेमचंद्राचार्य जणाव्यु छे के तमना समयमां जे शब्दो जुदाजुदा प्रदेशाना लोकव्यवहारमा प्रचलित हता --- एटले के प्रादेशिक बोलीओमा राजवराज वपराता शब्दो-ते बवाना संग्रह करवाना तेमना प्रयास नधी.. तेमना नेम तो पगापूर्वधी जे शब्दा प्राकृत साहित्यमां वपराता रह्या छे अने जेमनी व्युत्पत्ति थई शकती नी तेवा शब्दो संगृहीत करवानी छे. ३. हेमचंद्रनी रचनापद्धति अने सिद्धि
पहेला जणाव्यं तेम प्राकृत व्याकरणा अन काशी रचवा पाछळनुं प्रयोजन हमेशा र रमु छ के तभना द्वारा, जेआ संस्कृतना जाणकार हता तेमने प्राकृत साहित्य रचवा अने समजवा माटे आधारभूत, सगवडभया अने अद्यतन सहायक साधन पूरी पाडवा. हेमचंद्र देशीकोशकारीनी दीर्घ परंपराने छेडे आवे छे. देना.मां बार पुरोगामी देशीकारामांथी कांता उद्धरणा आपेला छे, अथवा ता तेमना प्रमाण तरीके निर्देश करले छे. घणा पूर्ववर्ती देशीकोशो हावा छतां पोते शा माटे नवा देशीकोश रची' रह्या छे एचा प्रश्ना उत्तररूपे हम वंद्रे त्रण कारणा आप्यां छे : (१) पाछळना समयना केटलाक देशीकोशो भूल भरेला, प्रमादवाळा अने हकीकतनी चोकसाई करती समीक्षादि विनाना छे. ए कोशकारोए आगळना प्रमाणभूत देशीकोशाना तेमना अज्ञानने लीधे, अथवा ता तमनुं खोटु अर्थघटन करवाने लीधे अनेक देशी शब्दोना साचा स्वरूप अने अर्थ बाबत गूचवाडा ऊभा को छे. (२) हस्तप्रतलेखकानी बेदरकारी .अने भूलभंगली रीतरसमोने लीधे ए गृचवाडामां मोटा उमेरो थयो छे. (३) आगळना कोशोभां शब्दो वर्णानुक्रम प्रमाणे अने शब्दोनी लंबाई प्रमाणे गाठवीने न आप्या होवाशी शब्दोना स्वरूपमा गरवड थती राकी शकाती नथी.
हेमचंद्रे देना.मां शब्दाने वर्णानुक्रमे अने तेमनी लंबाई प्रमाणे गोटव्या छे. जे गावतमा एमने शंका पट्टी के मतभेद जणाया त्यां तेमणे योग्यायोग्यतानो निर्णय
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