________________
[29]
खंडितानुं उदाहरण : उज्जग्गर-कसाय-नयणं, हिअय-लग्ग-जावय-चलणं । 'खंडिआइ दट्टण पिअं, मरणयम्मि हिअयं निहिअं ॥ ८८
'जेनुं मान खंडित थयुं छे तेवी खंडिता नायिकाए, उजागराथी जेनी आंखोमां रताश छे, जेनी छाती पर अळताथी रंगेला चरण, निशान छे तेवा पोताना प्रियतमने जोईने मरवानुं मन कर्यु ।' अवलंबक
___आ खंड, उपखंड अने खंडिता ए खंजकना त्रणेय प्रकारोमांथी प्रत्येक अवलंबक कहेवाय छे । आगळ उपर द्विपदीखंडनी व्याख्या माटे आ संज्ञानो उपयोग
छ ।
हेला
जेमां प्रत्येक चरणमां एक षटकल अने चार चतुष्कल होय तथा बेकी स्थानमां जगण के चार लघु होय, ते छंदनुं नाम हेला ।
हेलानुं उदाहरण : कोअंडं पसूण-रइअं गुणो महुअरा,
बाणा कामिणीण नयणा विलास-गहिरा । सयमतणू जडो सहयरो तुसार-किरणो,
'हेला 'ए तहवि भुवणं जिणेइ मयणो ॥ ८९ __ 'धनुष्य पुष्पनु बनेलं, पणछ भ्रमरोनी बनेली, कामिनीओना विलासप्रचुर नेत्रोनां बाण, पोते शरीर विनानो (अनंग) अने सहायक तरीके जड चंद्र, अने तो पण कामदेव लीलामात्रमा त्रण भुवन पर विजय मेळवे छे !' आवली
___ हेलाना प्रत्येक चरणमां अंते बे मात्रा ओछी होय, तो ते छंदनुं नाम आवली।
आवलीनुं उदाहरण : * सरखावो टीकाकारे आपेलुं खंडिता नायिकानी व्याख्यानुं उदाहरण : निद्राकषाय-मुकुलीकृत-ताम्र-नेत्रो, नारी-नख-व्रण-विशेष-विचित्रिताकः । यस्याः कुतोऽपि गृहमेति पतिः प्रभाते, सा खण्डितेति कथिता कविभिः पुराणैः ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org