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________________ 'रणभूमिमां तलवारना प्रहारथी हाथीओनां मस्तकमांथी मोतीओनी श्रेणी ऊछळी : जाणे के विजयलक्ष्मीए स्वयंवरमाळा उपरथी नाखी होय तेवी शोभे छे' । ध :- आ प्रमाणे जेना एकी चरणोमां सोळ मात्रा छे तेवा पेटाप्रकारनं उदाहरण थयुं । आ प्रमाणे जेनां एकी चरणोमां सात मात्राथी लईने सोळ सुधीनी मात्राओ छे तेवी अंतरसमा चतुष्पदीना पंचावन पेटाप्रकार थया । जो अंतरसमा चतुष्पदीना उपर वर्णवेला पेटाप्रकारोनां चरणोने उलटावीएएटले के तेनां एकी चरणो जे मात्रामापना छे, तेमने स्थाने अनुक्रमे बेकी चरणो जे मात्रामापनां छे तेमने मूकीए, अने तेवी रीते बेकी चरणोने स्थाने एकी चरणो मूकीए, तो अंतरसमा चतुष्पदीना बीजा पंचावन प्रकारो थाय छे। एमनी व्याख्या अने उदाहरणो नीचे प्रमाणे छे । सुमनोरमा [93] जेनां बेकी चरणोमां सात मात्रा छे अने एकी चरणोमां आठ मात्रा छे ते सुमनोरमा छंदनुं उदाहरण : केआरावु, करि मोर मा । दूरि स गोरी, 'सुमनोरमा' ॥ ५९ 'हे मोर, तुं केकारव न कर, ए अतिशय सुंदर गोरी अत्यारे माराथी दूर छे ।' पंकज जेनां बेकी चरणोमां सात मात्रा छे अने एकी चरणोमां नव मात्रा छे ते पंकज छंदनुं उदाहरण : निअवि वयणु तर्हि, विब्भमपउ । नं विहिण खित्तु, दहि 'पंकउ' ॥ ६० 'ते सुंदरीनुं भम्मरना विलासवाळं वदन जोईने विधाताए कमळने धरामां नाखी दीधुं ।' कुंजर जेनां बेकी चरणोमां सात मात्रा छे अने एकी चरणोमां दस मात्रा छे ते कुंजर छंदनुं उदाहरण : Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001454
Book TitleChhandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH C Bhayani
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages204
LanguagePrakrit, Apabhramsha, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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