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________________ [82] क्रीडनक जेनां एकी चरणोमां आठ मात्रा छे अने बेकी चरणोमां बार मात्रा छे तेवा क्रीडनक छंदनुं उदाहरण : सहि वट्टुलउ, चंदुल्लउ पडिहाइ । रयणि- वहूए, 'कीलण' - गेंडुउ नाइ ॥ १७ 'हे सखी, आ वर्तुळ चंद्र जाणे के रजनीरमणीनो क्रीडाकंदूक होय तेवो लागे छे ।' बकुलामोद जेनां एकी चरणोमां आठ मात्रा छे अने बेकी चरणोमां तेर मात्रा छे तेवा बकुलामोद छंदनुं उदाहरण : मन्नावि प्रिउ, जइ - वि हु सो कय- दुन्न । जं महमहइ, दुसहउ 'बउलामोअउ' ।। १८ 'हे सखी, अपराध कर्यो होवा छतां तुं तारा प्रियतमने मनावी ले, केम के बोरसल्लीनी दुःसह सुगंध मघमघी रही छे ।' मन्मथतिलक जेनां एकी चरणोमां आठ मात्रा छे अने बेकी चरणोमां चौद मात्रा छे तेवा मन्मथतिलक छंदनुं उदाहरण : निम्मल गयणि, समुग्गड चंदु विहावइ । रइए रइड, 'वम्मह - तिलउ' नवु नावइ ॥ १९ 'निर्मळ आकाशमां ऊगेलो चंद्र, रतिए जाणे के नवुं मन्मथतिलक कर्तुं होय तेवो शोभे छे ।' मालाविलसित जेनां एकी चरणोमां आठ मात्रा छे अने बेकी चरणोमां पंदर मात्रा छे तेवा मालाविलसित छंदनुं उदाहरण : कमलिणि- पासि, अलि माला विलसिअ ' संपइ । कल-रव- मिसिण, किर मित्त-समागमु जंपइ ॥ २० 'अत्यारे कमलिनीनी पासे भ्रमरवृन्द विलसी रह्युं छे । ते जाणे के गुंजारवने बहाने "मित्रनो” (१ । सूर्यनो २ । प्रियतमनो ) समागम थवानो होवानी जाण करे छे ।' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001454
Book TitleChhandonushasan
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorH C Bhayani
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year1996
Total Pages204
LanguagePrakrit, Apabhramsha, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size9 MB
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