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परिअणंतजिणचरियं न छुहं न तिसं न परिसामं न तावं पि खणमवि गणति । कुमरपहुमणुसरंता सुकुमाला वि हु निवाईया ॥ ५९२१ ॥ दिवसे व्व निसाए वि हु करदीवियविहियपहसमालोया । गामविणियग्गयगोवग्गभग्गगयपयपहपयारा ॥ ५९२२ ॥ कुलयं ॥ एमेवयजंतेहिं सच्चविओ तेहिं बालहारनरो । पुरओ इंतो तो ते तोसविसायाउला जाया ॥ ५९२३ ॥ कत्थ कुमारो त्ति निवपुच्छिएण तेणुत्तमेस्थ संझाए । जंते जवेण बालम्मि तम्मि भणिओ मए कुमरो ॥ ५९२४ ॥ जइ वच्छ ! जाइ हत्थी हेह्रण दुमस्स कस्सइ झ त्ति । ता तुमए गहियव्वा तस्साहा दोहिं वि करेहिं ॥ ५९२५ ॥ जइ तं एवं काउं सक्कसि ताहमवि आयरामि इमं । तो वच्छ ! गयम्मि गए दो वि दुमा उत्तरिस्सामो ॥ ५९२६ ।। तेणुत्तमेरिसं चिय काहंतो हं गए वणम्मि गए । लग्गो दुमसाहाए न उण कुमारो सिसुत्तेण ॥ ५९२७ ॥ उत्तरिय दुमाओ दुयं लग्गो मग्गे गयस्स वेगेण । नवरं तप्पयुक्खित्ता धूली वि हु तस्स सच्चविया ॥ ५९२८ ॥ तो देव ! अहं वलिओ सच्चविया इण्हिमेत्थ तुब्भे वि । तं सोऊणं राया सुयविरहे आउलो जाओ ॥ ५९२९ ॥ भणिओ य मंतिणा पहु ! चलह जओ एस सत्तुणो देसो । मा जय अब्भुद्धराण होइ तुम्हाण वि अणत्थो ॥ ५९३० ॥ कुमरनिरिक्षणकज्जे आविंझं सामि ! पेसइस्सामि ।। पच्चइयनरोजस व्व वाइणो सामिणो भत्ता ॥ ५९३१ ॥ इय देसकालसमुचियकरणिज्जवियक्खणेण सचिवेण । राया अणिच्छमाणो वि वालियो नियपुराभिमुहं ॥ ५९३२ ॥ कुमरविसुद्धिनिमित्तं पुरओ पट्ठाविडं नरे निउणे । राया हियसव्वस्सेव्व सुन्नहियओ. पुरे फ्तो ॥ ५९३३ ॥
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