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सिरिअणंतजिणचरियं पंचमि पणगे अंबा नवम्मि एक्कासणाईओ कज्जो । सत्तीए तवो नेमी पूइज्जइ तम्मि अंबाय ॥ ५७४२ ॥ वीसइ आयामाई दवदंति तवम्मि पइजिणं होति । दिज्जंति कणयतिलया जिणाण विहिए तवे तम्मि ॥ ५७४३ ॥ वद्धए जहा कलाए एक्केक्काएणुवासरे चंदो । संपुन्नो संपुज्जइ जा सयलकलाहिं पव्वम्मि ॥ ५७४४ ॥ तह पडिवयाए एक्को कवलो बिइयाइ पुन्निमा जाव । एक्केक्कवलवुड्ढी जा तेसिं होइ पनरसगं || ५७४५ ॥ एक्केक्कं किन्हम्मिं पक्खम्मि कलं जहा ससी मुयइ । कवलो वि तहा मुच्चइ जामावस्साए सो एक्को ॥ ५७४६ ॥ एसा चंदप्पडिमा जवमज्झा मासमेत्तपरिमाणा । इण्हि तु वज्जमज्झं मासप्पमियं पवक्खमि ॥ ५७४७ ॥ पन्नरस पडिवयाए एक्कगहाणीए जावमावस्स । एक्केणं कवलेणं जाया तह पडिवई वि सिया ॥ ५७४८ ॥ बीयाईयासु एक्कग वुड्ढी जा पुन्निमाए पन्नरसं । जवमज्झ वज्जमज्झाओ दो वि पडिमाओ भणियाओ ॥ ५७४९ ॥ दिवसे दिवसे एगा दत्ती पढमम्मि सत्तगं गेज्झा । वद्धइ दत्तीसहसत्तगेण जा सत्त सत्तमए ॥ ५७५० ॥ अगुवन्नवासरेहिं होइ इमा सत्तमी पडिमा । अट्ठट्ठमिया नवनवमिया य दस दसमिया चेवं ॥ ५७५१ ॥ नवरं वद्धइ दत्ती सह अट्ठग नवग दसग वुड्ढीहिं । चउसट्ठी इक्कासी सयं च दिवसाणिमासु कमा ॥ ५७५२ ॥ एगाइयाणि आयंबिलाणि एक्किक्कवुड्ढिमंताणि । पज्जंतअब्भतट्ठाणि जाव पुन्नं सयं तेसिं ॥ ५७५३ ॥ एयं आयंबिलवद्धमाण नामं महा तवच्चरणं । वरिसाणि एत्थ चउदस मासतिगं वीस दिवसाणि ॥ ४७५४ ॥
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