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रणविक्कमकहा उववणसिसिरानिलपत्तचेयणा सा समुट्ठिया सहसा । वीसत्थघाइणि ति य नज्जइ न हया जमेणावि ॥ २९९२ ॥ रायाहिओ सयं चिय विणासिओ विसहरेण दइओ सो । अहव महापावाणं पावाई फलंति सहस त्ति ॥ २९९३ ॥ नरवइणो पइणो विय सावुक्का निययनिद्दयत्ताए । इह परभवसोक्खाणं पावप्पयईए जीवो व्व ॥ २९९४ ।। देवी गिहदीवेणं निच्छईयमयं पई विभावेइ । ना होमि कज्जसज्जा विणट्ठवत्थुम्मि को सोओ ? || २९९५ ॥ भयभरेण कंपिरा वि हु रयणाभरणाई गिण्हइ निवस्स । न नियत्तइ वसणे वि हु लोहो पाणीण पाएण ॥ २९९६ ॥ काऊण नवं वेसं तुरयं आरुहिय झत्ति नट्ठा सा । अन्नं पि काउमनयं नासिज्जइ किं न हणिय निवं ॥ २९९६ ॥ अक्खंडपयाणएहिं लंघियनिवदेसमवरविसयम्मि । पत्ताऽवस्संभावी समभयट्ठाणेऽहवाणत्थो ॥ २९९७ ॥ तम्मि निवरायहाणी सप्पासाया मऊरमुत्ति व्व । नवचंदमालिया सियबीया रयणी विव समत्थि ॥ २९९८ ॥ जीए सया वणवासा लसंति वणिया पुलिंदपुरिस व्व । समुदयजयप्पसिद्धा सहति सुयण व्व सुहडा वि ॥ २९९९ ।। गंतूण भुवणसोहाभिहाए नयरीए तीए रम्माए । पूइयहढे ठविडं तुरयाई रईयसिंगारा ॥ ३००० ॥ विवणिस्सेणिनिरिक्खणनिमित्तनिक्खित्तनेत्तसयक्त्ता । पत्ता कम्मि वि सुरमंदिरम्मि सोऊण संगीयं ॥ ३००१ ॥ उम्मत्तहत्थिमंथरकमगमणरणज्झणंतमंजीरा । कयर्थभावटेंभा पेच्छणयं पेच्छिउं लग्गा ॥ ३००२ ॥ सविलासलोयणुल्लासलच्छिपेच्छयजणच्छिसुहजणणी । सा सच्चविया मयणस्सिरीए वूढाए वेसाए ॥ ३००३ ॥
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