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गिहिधम्मे चंदसेणकहा वेरूलियरयणभूसणकंतिब्भारसंपरिक्खित्ता ॥ नज्जइ मुच्छावणयणनिमित्तनीरयविट्ठ व्व ॥ ८८० ॥ तं निच्चेटुं दटुं झडत्ति कुमरी सहीयणसमेया । मुच्छावणयणकज्जे काउं लग्गा सिसिरिकिरियं ॥ ८८१ ॥ काउं वि तद्देहं हिमविमिस्सचंदणजलेण सिंचंति । अवराओ सिहंडि सिहंडतालयंटेण वीयंति ॥ ८८२ ॥ अवराओ सिरोयरकरकमाण संवाहणाई कुव्वंति । दुक्खाओ सिक्कारं पि हु खिवंति काउं वि तव्वयणे ॥ ८८३ ॥ जंपंति य नहयलगमणविज्जविम्हरेण खयरतरुणी ।। का वि इमा इह पडिया नन्नो हेऊ घडइ पडणे ॥ ८८४ ॥ इय जंपिरीहिं ताहिं असरिससिसिरोवयारकिरियाहिं । आयरपुरस्सरं सा विहिया संपत्तचेयन्ना ॥ ८८५ ॥ तो उठ्ठिया विसंठुलदेहं वत्थेहिं आवरंती सा । उववेसिया य अद्धासणम्मि कुमरीए निययम्मि ॥ ८८६ ॥ तत्तो य पुच्छिया सुयणु ! का तुम किमिह निवडिया गयणा ? | तीयुत्तं उवयारिणि त्ति साहिस्सं मे वुत्तंते ॥ ८८७ ॥ तो उट्ठिऊण ठिओ दूरयरे कुमरिपरियणो सव्वो । अवरुंडिय कुमरिं तयणु झत्ति सा गयणमुप्पइया ॥ ८८८ ॥ तं निज्जतिं दद्दु कुमरीए सहीयणेण पुक्करियं । भो भो ! धावह धावह निज्जइ कीए वि कुमरि त्ति ॥ ८८९ ॥ तं सोउं निवसुहडा वि कोसउक्खित्तखग्गवग्गकरा । हण हण हण त्ति जंपिरा पासायस्सिहरमारूढा ॥ ८९० ॥ आरोवियधणुगुणमुक्कबाणगणपूरियंबरविभागा । उग्गीवा पसरेउं पारद्धा धिट्ठधाणुक्का ॥ ८९१ ॥ साहंकारं हुंकारपुव्वमुक्खायखग्गवेणुकरो । वद्धाविडं नरिंदो निडालतडघडियभडभिउडी ॥ ८९२ ॥
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