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________________ १७६] अहिवर ३.७.३ ३.१४.८. गिरिवर ६.४.११. गिरिवरंद ६.४.८ सुरवर ११.१३.१३. पुरवर १०.१३.४. Vv/वर - ( = वरण करना ) वर्त० कृ० वरंत १२.४.३१ वरइत्त - वरयितृ ( = दूल्हा ) १३.७.६. वरच्छि - वराक्षी ४.५.५. वरदत्त—त स ( = एक गृहस्थ ) १३.१४.६. वरमाल - वरमाला ३.३.३ वराड - बरार ११.५.१०. वराय - बराक १२.४.६; १३.१५.७. वरि-वर (उत्तम) १.४.१०३.७.४. बरिष्ठ १०.१५.२३२.१.७. वरि वरिस - वर्ष १.१०.५;४.१.९;६.९.१९ V वरिस - (बरसना) वर्त० तृ० ए० वरिसइ ८.१०.५ वर्त० तृ० ब० वरिसंति १४.२३.१. (जंबूद्वीपके भाग ८.१७.०८.१२.७०१८.१७.१ = बरिस वरिस - वर्षा ८.१०.५; १२.१.११. वरिसाल - वर्षाकाल ( वरिस + आल = काल ) ४.१७.५७.७.८. वरुण - वरुणा ( = कमठकी पत्नी ) १.१०.८. वरुण- त स वरुणदेव ८.१३.३ केवलग्ग - आरूढ़ ( हे० ४.२०६ ) ११.१२.५ - - वलग्गय १६.७.१३ वलय - ( = गोलाकार ) १६.१०.२ वल्लह - बल्लभ (१ = प्रिय ) ८. ९.११ स्त्री. ( २ = प्रिया ) १.९.१०,८.३.१० - लहिय १.९.७. ववराय - व्यपगत १.११.१५८.६.७. बस-बसा ( चवीं) १३.४. १ V बस-बसू (निवास करना) वर्त० कृ० बसंत २.५.९१२.६.९. भू० कृ० वसिय १.६.७. पू० कृ० बसेवि १०.१२.७. वसंत - त स ( ऋतु ) १३.४.१. पार्श्वनाथचरित Jain Education International वसण-व्यवसन १.२०.७२.७.७. वसह - वृषभ ( = बैल ) २.१२६,६.१.१०,८.६.२,१५.४.७ सहि - वसति ७.७.७;१६.१०.१०. V वसिकर - वशीकृ ( = वश में करना ) भू० कृ० वसिकिय १.८.४; ५.१.५,६.५.३. - वसिगय - ( : = वंशमें ) ९.८.९ - बसिहूय - वशीभूत ९.२.१. वसिद्ध - वशिष्ठ ( = एक ऋषि ) ७.१३.५, १३.११.६. --- वसुंधरि - वसुन्धरा ( = मरुभूमिकी पत्नीका नाम ) १.१०.९ वसुंधर - वसुन्धरा (= पृथिवी ) ६.१.१३, ९.२.१ वसुहाहिव - वसुधाधिप ( = राजा ) १७.२३.२ वसुविसुधाधिपति १०.२.१६ वह वध ७.१२.१ V वह - वह ( = धारण करना ) वर्त० ० प्र० ए० वहमि ९.१२.९ वर्त० द्वि० ए वहहि १.१५.३. वर्त० द्वि० ए० वहेहि १४.२२.२. आ० द्वि० ए० वहहि ६.५.५. वर्त० कृ० वहंत ११.६.१७;१४.३०.५. V वह - ( = वध करना ) ➖➖➖ भ०तृ०ब० वहेसहिं १७.८.९. वहति वहन्ती (नदी) ४.१२.४१८.१.१०. बहिण मगिनी १२.१७.१. बहु-वधू ( = पत्नी ) १.५.५. वहुअ-वधू + क ( = छोटे भाईकी पत्नी ) १. ११.१३. Vवा-वा (= चलना, बहना ) वर्तο वाइ – वापी १.६.५. वाउ - वायु ११.३.१४. वाउ भम-वात + उद्भ्रम १४.१२.७ वाउकुमार - वायुकुमार (= भवनवासी) देवोंका एक भेद ० तृ० ए० बाइ ६.१३.३, २४.२९.९. १६.९.४. वाजि - वाजिन् ( = घोड़ा ) ११.११.७. वाण - ( = देवोंकी एक जाति ) १४.१८.४; १८.९.२. वाणपेव पाण+प्रेस (1) तदेवका एक भेद ) = १६.८.३. वाणफरिस - ( = एक वृक्ष ) १४.२.९. वाणारसि - (प्रसिद्ध नगर ) ८.१.४१०.१२.२ वाणि - वाणी १६.२.१. [ वर वाय- बाकू १.३६,१.१०.६,४.४.१०, १३.१.९. वायरण - व्याकरण १३.५६.७.१ ८.२.३ वायव - वायव्य ( = दिशा ) ३.१०.२ वायव्व - वायव्य ( = दिव्यास्त्र ) ११.७.११ - वायव १२.७.२. Vवार -- वारय् (= रोकना ) आ० द्वि० ए० वारहि २९.७. वि० ० ० चारि२.१०.६. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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