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________________ [११९ पासणाहचरिउ अच्चभुव-कल-णिम्मविय-देहे" ओहामिय-सुरवर-सग्ग-सोहे"। रवि-तेय-सरिस-चलें अप्पमाणे आरूढउ ऍरिसि वर-विमाणे । असुरिंदु भमंतु णहंगणेण आइओं तहिँ जहिँ जिणु तक्खणेण । कर-यल-सएण संपत्तु जाम संपण्णु विमाणहाँ विग्घु ताम । पत्ता- विविह-किरण-पजलंतउ गयणु दलंतउ उवर जिणहाँ छुडु ढुक्कउ । ताम जाणु पँहि मूढउ तव-भय-गीढउ थक्कु महाजव-मुक्कउ ॥ ४ ॥ थक्कु विमाणु गयण पेवहंतउ जेम पिसाउ विज्जे अणहुंतउ । पुग्गलु जेम जीउ उडुतऍ किरणइँ जेम सूरु वुड्ढंतएँ। खलु जह वसणायले संपत्तएँ वेसी जम संपइ-चत्तएँ। रिणि-उणीसु जह मैग्गी जंतऍ पावि जेम धम्मे दिजंतऍ। धम्मु जेम सर-णियरु पडतए सज्जणु दुजणु जेम रडंतऍ। पाणिउ जेम "बंधे बझंतऍ कायरु जैम सुहडे जुझंतएँ । मैलु जिह भौडि हेमें धमंतऍ पर-बले चक्कु जेम हम्मंतएँ । जेम कयारु सालि लुंचंतऍ परियणु पुरिौँ जेम खउ जंतएँ । मृले पणट्ठऍ रिण-धणु जेम "वि थक्कु विमाणु णहंगणि तेम "वि । पत्ता- तं पॅक्खेंवि धवलुज्जलु थक्कउ अविचलु मेहमल्लि भडु कुद्धउ । ___ भासुर-देहु समच्छरु णाइ सणिच्छरु चिंतइ एम विरुद्धउ ॥ ५ ॥ 10 ६ । पेंक्खिवि विमाणु अविचलु अहंगु . णं पंख-रहिउ महि-यलि विहंगु । चिंतवइ एम पउ काइँ चुज्जु उप्पाय-काले संभावणिज्जु । किं संपय-बल-सामग्गि-णासु पुन्चत्तव-तवियहाँ किं विणासु । किं महु किं अण्णहों भोग-चालु अहवइ किं वट्टइ चवण-कालु । अप्पप्प-लीणु चिंतवइ जाम संपज्जइ णाणु विहंगु ताम । ११ क, ख- देह । १२ क, ख- सोह। १३ ख- सरिसे । १४ ख- एरिस । १५ क- असुरेंदु । १६ क- आए । १७ क- संपुण्णु विमाणह । १८ ख- विधू । १९ ख- वलंतउ । २० ख- पहे । २१ क- थक्कउ । (५) १ ख- पवहतए । २ ख- अणहोतए । ३ ख- पोग्गलु । ४ ख- उद्धतए; क- उडुतइ । ५ क- सूर । ६ ख- वेस। .७ ख- संपय । ८ क, ख- मग्गि । ९ क- जंतइ । १० ख- पाविउ । ११ ख - दिजंते; क- दिजंतइ । १२ ख- णियडे । १३ ख- दुजण । १४ क- वंधि । १५ ख में इस पंक्ति के पादों का क्रम विपरीत है । १६ ख- वारे । १७ क-विग्घु । १८ ख- जेम पुरिसि । १९ क- मूल । २०, २१ ख में यह पद छूटा है। २२ ख प्रति का पत्र क्रमांक ६५ गुमा हुआ है अतः यहां से लेकर आठवें कडवक की ११ वी पंक्ति तक का पाठ केवल क प्रति के आधार पर संशोधित किया गया है। . (६) १ क- अणहो । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
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