SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 183
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५.] पउमकित्तिविरइउ आउ कम्मु पंचमउ कहिज्जइ छट्ठउ गाउ भणेवि पढिज्जइ । गॉत्त-कम्मु सत्तमउ पयासिउ अंतराउ तह अट्टम भासिउ। घत्ता- आयहि अट्ठहिँ कम्महि" मूल-पयडि फुड अक्खिये। __बद-पुन्च णिईदैहि होहि एहि णर दुक्खिय ॥ १५ ॥ दुवई- णाणावरणु कम्मु जगि जीवहाँ पंच-पयार-भेयहि । मइ सुइ अवहि विउलु छाइज्जइ केवल-णाणु एयहि ॥ णवहि पयारहिं दसैणु संठिंउ विहि भेयहि वेयणिउ परिहिउ । अट्ठवीस-पयडी-वित्थारें मोहणीउ थिउ विविह-पयारें । आउ कर्मु थिउ चउहि विजोणहि तेयाणवइहि गाउ वियोणहि । गॉत्त-कम्मु विहिँ पयडिहिँ अक्खिउ । अंतराउ पुणु पंचहि सिक्खिउ । उत्तर पयडि हि सउ अडयालउ मुहु दुहु देहि "एउ असरालउ । आयहि गरऍ जीउ भामिज्जइ मिच्छादंसणे पहिलोइज्जइ । आयहि जगु सयरायरु बद्धउ भमइ गैइहि विसयामिसे-लुद्धउ । आयहि पयडिहिजो णरु मोहिउ हिंडइ सो संसारु असोहिउ । जीउ अणाइ कालु अइदुट्ठहिर बद्घउ हिंडइ कम्महि अहिं। धत्ता- संसार-महण्णव-रच्छहि पुण्ण-पाव-विहि खेल्लयहि । गिरिउ व्ब जीउ हम्मंतउ भमइ कसायहि चोयहि ॥१६॥ दुवई- चउविह-पयडि-'ठिदिहि अणुभाय-पएसहि विविह-बंधहि । कम्मु अणाइ-कालु अइदारुणु आवइ बहु-णिबंधहि ॥ अक्खिय तैहि चउदह गुणठाण मम्गण-जीव-समास-समाणइँ । जोग-कसाय-लेस-वय-झाणइं तच्च-पयत्थ-दर-दर्य-माणइँ । ९क- 'हं । १० क- में 'हि' छूटा है। ११ क- ह । १२ क- 'उ। १३ क- दत्तहो; ख- इंदमहि । १४ ख- ए णरु दु । (१६) १ क- मु । २ ख- 'गे। ३ क- 'हे । ४ ख- व। ५ ख- विजउ । ६ क- "दि । ७ ख-वि पयडि; क- पयडि । ८ ब- 'म्म । ९ ख- वियथेहिं । १० ख- 'आ । ११ ख- पयंचहि । १२ क- हे संखिउ । १३ ख- 'इ । १४ क-ह; ख- इ । १५ ख- 'हे। १६, १७ क- च। १८ क- में यह पद छूटा है । १९ ख-सु । २० क-है। २१ क- 'रए सो । २२ क- हे । २३ ख- द्धाउ । २४ ख- लएहि । २५ क- साइय इयहि; ख- 'साएहि । २६ कमें यह पद छूटा है; ख- चोएहि । (१७) १ क, ख- "ट्ठि । २ क-हे। ३ ख- चउदह तहि । ४ ख- य । ५ ख- 'इसाण । ६ ख- इ दाण। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001444
Book TitlePasanahchariyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmkirti
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1965
Total Pages538
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy