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मूल
अनुवाद
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संधि कडवक कडवक का विषय
अजगर द्वारा किरणवेग की मृत्यु । किरणवेग की स्वर्ग में उत्पत्ति । १२ अजगर की दावाग्नि में मृत्यु तथा नरक में उत्पत्ति । १ राजा वज्रवीर्य का वर्णन । २ राजमहिषी लक्ष्मीमती का वर्णन ।
राजकुमार चक्रायुध का जन्म । चक्रायुध की गुणशीलता । चक्रायुध के सिरमें सफेद बाल; बाल द्वारा चक्रायुध का प्रतिबोध ।
चक्रायुध का अपने पुत्र को उपदेश । ७ चक्रायुध द्वारा दीक्षा-ग्रहण ।
चक्रायुध की ज्वलनगिरी पर तपश्चर्या । अजगर के जीव की ऊसी पर्वत पर भील के रूप में उत्पत्ति । भील द्वारा चक्रायुध पर बाण-प्रहार । चक्रायुध की मृत्यु तथा स्वर्ग प्राप्ति, भील की मृत्यु और उसका नरकवास । नरक की यातनाओं का वर्णन ।
राजा बज्रबाहू और उसकी रानी का वर्णन । २ चक्रायुध का राजकुमार कनकप्रभ के रूपमें जन्म तथा कनकप्रभ को राज्य प्राप्ति ।
कनकप्रभ की समृद्धि का वर्णन । कनकप्रभ का विजय के लिए प्रस्थान कनकप्रभका अन्य राजाओं पर विजय । उसका दिग्विजय के पश्चात् अपने नगर में आगमन । कनकप्रभ द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति । नौकर चाकरों की नियुक्ति । कनकप्रभ के ऐश्वर्य का वर्णन ।
कनकप्रभ की विलासवती स्त्रियों का वर्णन । १० ग्रीष्म काल का वर्णन । ११ जलक्रीड़ा का वर्णन । १२ वर्षा काल का वर्णन । १३ शिशिर काल का वर्णन । १४ कनकप्रभ की यशोधर मुनि द्वारा केवलज्ञान प्राप्ति की सूचना । १५ कनकप्रभ का मुनि के पास आगमन । मुनि द्वारा प्रकृतियों पर प्रकाश । १६ उत्तर प्रकृतियों का निरूपण ।
कनकप्रभ द्वारा अपने पुत्र को राज्य-समर्पण । १८ कनकप्रभ द्वारा दीक्षाग्रहण । ७१ दीक्षा की प्रशंसा ।
२ कनकप्रभ द्वारा बारह श्रुतांगो का अध्ययन ।
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