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________________ ३५४ प्राकृतपैंगलम् वंजण (व्यञ्जन) १.५ वर २.७५ श्रेष्ठ *वासंतो (वसंतः) २.११३ काव्य छंद का वंजुल २.१६३ बेंत की लता वरणसि (वाराणसी) १.८७ भेद वंगा १.१४५ बंगाल *वरुण १.७५ स्कन्धक का भेद | *वास (वास:) १.१८ आदिलघु त्रिकल का वंझउ (वन्ध्या) २.१४९ बाँझ, निपूती Vवरिस (Vवर्ष) बरसना, वरिसइ (वर्षति) नाम (15) वंटण १.४३ हि० बाँटना वर्त० प्र० ए० १.७२ वरीसए | वासण (वसन) २.७७ वस्त्र Vवंद (*वंद्) वंदिअ (वंदितः) १.९८, १.१८८ वासा (वास) १.११ वस्त्र वंदंति १.५९, वंदे १.८२, वंदि | वरिसा (वर्षा) १.१७४ ।। Vवाह (Vवाह) रा० बाबो चलना, खेना २.१११, वंदना करना Vवल (सं० वल्) राज० वळ, गु० वळवू वाहहि (आज्ञा० म० ए०) १.९. वंस (वंश) २.१०१, २.१४७ कुल वलंत (वर्त० कर्तृ० कृदन्त) १.७ वाह १.१०६ घोडा वअण (वदन) १.१९५, २.१६७, वअणाइँ| *वलअ (वलय) १.२१, १.२०७, २.९६, वाहण (वाहन) २.७५ सवारी (वदनानि) २.७१, वअणि (वदने) आदि प्रथम द्विकलगण (5) का नाम विंद (वृन्द) २.१४७ समूह १.१६४, मुँह वलअ (वलय) १.१११, २.१०१ कंकण, वि (अपि) हि० भी, रा० भी (उ० बी०) वइरि (वैरी) १.३७ कड़ा १.१, १.४, १.८, १.२१३, १.४६, वइरिउ (वैरी) १.३८ *वलअं (वलयं) १.१८ आदि लघु त्रिकल २.९ आदि व्व (इव) १.५२ उपमावाचक शब्द का नाम (15) विअअ (विजय) २.९९ विअक्खण (विचक्षण) १.१८६ वल्लहो (वल्लभः) १.५५, १.८२ प्रिय वक्कल (वल्कल) १.७९ पेड़ की छाल या वल्लि (वल्ली) १.१३५ लता Vविअस (वि+/कस) विअसंत २.९७, लकड़ी *वसंततिलआ (वसंततिलका) २.१५० विकसित होना वग्ग (वर्ग) २.१३२ समूह छन्द का नाम वि+Vअंभ (वि+VMभ) विअंभ (विजृभंति) वग्घ (व्याघ्र) २.७७ "वसणिआ (वसनिका) २.८३ वस्त्रवाली (वर्त० प्र०ब०व०) १.११५ प्रसार *वग्ध (व्याघ्र) १.८० दोहा छंद का भेद वसु १.१९४ आठ पाना Vवज (व्रज्) जाना, वजामो २.११५ *वसुचरणो (वसुचरणः) १.१७ सर्वलघु | वि+आण (वि+/ज्ञा) विआण वज्ज (वज्र) २.१५९ हीरा, वज्र चतुष्कल का नाम (III) (विजानीहि) (आज्ञा म० ए०) वज्जहर (वज्रधर) २.१३० इन्द्र | Vवह वह २.४०, २.१६३ बहना, हवा का १.७६, १.८०, २.८६, विआणेहु Vवट्ट (Vवत्) होना, वट्टए (वर्तते) २.१६८ | चलना, वहइ १.१३५, २.१६५ १.१६६, विआणहु १.७३, Vवढ (Vवध्) बढ़ना, वढइ (वर्धते) (वर्त०Vवहिल्ल वहिल्लिअ १.२०५ बाहर निकालना | २.१७०, विआणिओ २.९० प्र० ए०) वढ १.१२१, १.७६, | वहुलिआ (वधूटिका) २.८३ बहू, पत्नी |वि+Vआर (वि+Vचार) विआरि (विचारय) १.८०, १.८१, १.९३, वड्डे | वहू (वधू) २.५३ (आज्ञा म० ए०) १.८१ विआरु २.१५७, वड्डइ (वर्धते) (वर्त० प्र० Vवाअ चलना, बहना, वाअंता २.८९ (विचारय) (आज्ञा म० ए०)१.८८, ए०) १.८८, १.९१, वड्डिहइ | वाअ (वात) २.८९, २.१६५ पवन १.१५०, विचरना, समझना १.११२, वड्डिअ १.१९३ वाउलउ (वातुलक:) १.११६ पागल, | विक्कम (विकम) १.६२, १.१२६ पराक्रम वण (वन) २.१४४ बावला, रा० बावळो विक्खाअ (विख्यात) १.५९ वण्ण (वर्णः) १.४, १.८, १.४९ आदि वाउ (वायु) २.१६३ पवन *विग्गाह (विगाथा) १.५१, विग्गाहा (अक्षर-वर्ण) वण्ण (संदेश० ४५) | *वाणरु (वानरः) १.८० दोहा छंद का भेद | (विगाथा) १.६६ मात्रिक छंद वण्णण (वर्णन) १.१९१ वाणी २.१२१ विग्गाहा (विगाथा) १.६६ मात्रिक छंद Vवण्ण (Vवर्ण) वर्णन करना, वण्णीआ वाद २.५१ वाद-विवाद *विजउ (विजय) १.१२२ छप्पय छंद का (वर्णिता) २.६५ वाम १.७४ बायाँ भेद वामावत्ते (वामावर्ते) १.४८ *वत्थु (वस्तु) १.१०७ वस्तु छंद *विजओ (विजयः) १.११३ काव्य छंद वार २.१६९ वत्थुआ (वस्तु, वस्तुक) १.११४, रोला, | का भेद *वारण १.७५ स्कंधक का भेद वस्तु या काव्य छंद | *विज्जाहारा (विद्याधर) २.१२२ छंद का Vवार (Vवारय-) वारिहउ (Vवार-) वप्पुडा २.९१ बेचारा १.१३५ रोकना वम्मह (मन्मथ) २.८७, २.१२६, कामदेव | | *विज्जा (विद्या) १.६० गाथा का भेद नाम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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