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________________ प्राकृतपैंगलम् २.१७३, देखना *बंधु (बंधु नामक छंद) २.१०० बुज्झउ १.१९६, बुज्झसु २.११९, Vपेच्छ (VE+Vईक्ष) पेच्छइ (प्रेक्षते) (वर्त० बंधुर २.७० बुज्झहु १.४७, बुज्झह १.४६, प्र० ए०) १.७१ देखना *बंधो १.११३ वस्तु छंद का भेद बुज्झंता २.१७५, बुज्झिआ पेट २.१९५ उदर, पेट बत्तीस (द्वात्रिंशत्) १.८३, १.११७, १.१८९ | १.१९३, २.१८४, सुमझना, जानना *पेम्मा २.१२१ वर्णिक छंद का नाम आदि, बत्तिस २.२१०, बत्तीसा | बुद्धि बुद्धी १.१४, २.१२१ कथ्य राज० बद्धी पेल्ल पेलना, पेल्लि १.२०५, पेल्लिअ १.१३५, १.७०, २.१९४, बत्तीसह १.१७९, (उ० बद्दी) पेल्लिआ २.१७९ हि० राज० बत्तीस बुद्धि १.६०,१.१२३, २.१२१ गाथा, वस्तु *पोमावइ (पद्मावती) २.२०६ नाम बद्ध २.८५, २.७२, बाँधा हुआ तथा उपजाति छंद का एक भेद पोम्म (पद्म) २.१९७ कमल बप्पअ २.२११ बाप, पिता Vबुल्ल बुल्लउ २.१३६, बालना बब्बर २.९५ नाम बुह (सं० बुध) बुहाणं (संबंध ब०) १.११, (फ) बल १.१८५ सेना, शक्ति पंडित Vफंफ १.१०८ फँफाना बलि २.७५ बुहअण (बुधगण) १.१४६ विद्वान् *बलहहो (बलभद्रः) १.११४ काव्य छंद | बे (व) १.१३, १.४६, गु० बे-दो द्विकलगण (5) का नाम, पिंगल का भेद बेआसी (व्यशीति) १.१२१ बयासी (रा० फणिंद (फणीन्द्र) १.९७, १.१२९, १.१९४, बलु १.२०४ बल बियाँसी) २.१५, २.१७२, २.१९८, मुनि | बलु (बल:) १.८० दोहा छंद का भेद बेआल (द्वाचत्वारिंशत्) १.११७ बयालीस, पिंगल की उपाधि बहिर (बधिर) १.११६ बहरा (रा० ब'रो) (रा० बियाळीस) फणिवइ (फणिपति) १.१५८, २.४७, बहु १.१६३ बहुत २.५६, २.१५२, मुनि पिंगल की बहुसंभेआ (बहुसंभेदा) १.७३ (भ) उपाधि बहुत्त (बहुत्व) २.९५, हि० बहुत भंग (सं० भङ्गः) (छन्द-) भंगेण (करण फणिराओ (फणिराजः) १.२२ बाआलीसं (द्वाचत्वारिंशत्) १.५० बयालीस ए०) १.१० फणीसरु (फणीश्वर) १.९३ पिंगल का नाम | बाईस (द्वाविंशति) बाइसही २.१७०, बाईसा | भंगला २.१२८ भग गये और उपाधि २.११२, १.४१, १.८३ बाईस | फल १.३६, १.३८, २.१५३ बाण २.१२६ तीर भंज (Vभञ्) तोड़ना, भंजिआ २.१२८, फार (स्फार) २.१८३ बावण्ण (द्वापञ्चाशत्) १.१०७, २.१७० भंजणा २.१६३, भंजाविअ १.१९८ बावन भ २.३७ भगण Vफुक्क फुक्कइ २.२०२ फूंकना बारहा (द्वादश) बारहा २.२००, बाराहा भअ (भय) १.९६ Vफुट्ट (स्फुट्) फुट्टेइ २.१८३ फूटना २.४१०, बारहाइ २.७०, बारह भइरव (भैरव) १.१९० भीषण, भयंकर फुर १.४१ सच बाल १.१८०, २.१४७, २.१९५, बालक भउ २.१३४ हुआ Vफुर (स्फुर) फुरइ १.३६, फुरंत २.२०९, *बाला २.१२१ उपजाति छंद का भेद *भगण १.३५ आदिगुरु वर्णिकगण (50) फुरंता १.९८, फुरंतआ २.३२, बालि २.२११ वानरराज बालि Vभग्ग भगना, भग्गंता, १.१८० भग्गिआ फुरिअ १.८७, चमकना, फड़कना | *बालो १.११४ वस्तु छंद का भेद २.१६१ Vफुल्ल फुल्लउ २.१३६ फुल्ल १.१०८, फुल्ला | बासट्ठि (द्वाषष्ठि) १.५१, १.९९ बासठ भज्जिअ १.१४५ भग गये २.८१, फुल्लिअ १.८७, फुल्लिआ | बिंदु (बिंदु) हि० रा० गु० बूंद, १.२, १.५ | भड (भट) २.१६१ योद्धा १.१६६, फुल्लु २.१९१, २.१६३ | बिंब सूरबिंबं (सूरबिंबं) कर्म ए० १.७२ | / Vभण (सं० भण्) कहना, भणइ (वर्त० / फूलना बिंबो २.७३ प्र० ए०) १.२२, १.९४, भणमि फुलरस २.४७ बि- (द्वि-) बिअ १.८६, बीअ १.९४, १.२०५, भण १.५५, भणु १.७०, बिण्ण १.२०५, बिण्णि २.२९, भणउ २.६०, भणिज्जइ १.१३३, १.११७, बीहा २.३, २.१४१, बिहु भणीजे २.१००, भणिज्जइ २.६८, *बंभ (सं० ब्रह्मन्) १.१५ षट्कल गण का २.७४, बीए १.५४, २.१५०, दो भणंता १.१६४, भणिअ २.१६६, नाम बाहु २.२०९, बाहू १.२४, हाथ, अंतगुरु भणिअं २.८०, भणिओ २.१५, *बंभ (ब्रह्मा) १.७५ स्कंधक का भेद चतुष्कल (115) भणिआ १.८३ बंधु (बंध) १.१४६ Vबुज्झ (बुध्) बुज्झ १.१०९, १.१८१, | भत्ति (भक्ति) २.३६, २.९५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001440
Book TitlePrakritpaingalam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages690
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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