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अंगविज्जापइण्णयं . १६३१
(१३६) चौदह ईश्वरभूत अंग १६३२-४० (१३७) पचास प्रेष्य (१३८) पचास प्रेष्यभूत
पचास प्रेष्य और पचास प्रेष्यभूत अंगोंके नाम, फलादेश और एकार्थक १६४१-५६ (१३९) छब्बीस प्रिय और (१४०) छब्बीस द्वेष्य
__ छब्बीस प्रिय और छब्बीस द्वेष्य अंगों के नाम, फलादेश और समानार्थक १६५७-६२ (१४१) छब्बीस मध्यस्थ अंग और समानार्थक १६६३-६४ (१४२-४६) पृथ्वीकायिकादि अंगों के नामों का अतिदेश १६६५-६६
(१४७) बीस जंगम अंगों के नाम १६६७-७०
(१४८) तेत्तीस आतिमूलिक अंगों के नाम १६७१-७२
(१४९) तेत्तीस मज्झविगाढ अंगों के नाम १६७३-७४
(१५०) तेत्तीस अंत अंगों के नाम १६७५-८६ __ (१५१) पचास मुदित और (१५२) पचास दीन
पचास मुदित और पचास दीन अंगों के नाम, फलादेश और समानार्थक १६८७-९१ (१५३) बीस तीक्ष्ण अङ्ग और समानार्थक १६९२-९५ (१५४) पिचत्तर उपद्रुत (१५५) पिचत्तर व्यापन्न अङ्ग १६९६-९७ (१५६) दो दुर्गन्ध और (१५७) दो सुगन्ध अङ्ग १६९८-१७०३ (१५८) नव बुद्धिरमण (१५९) चार अबुद्धिरमण
अंग और समानार्थक । १७०४-५ (१६०) ग्यारह महापरिग्रह (१६१) चार अपरिग्रह अङ्ग १७०६-७ (१६२) उन्नीस बद्ध और (१६३) सत्ताईस मोक्ष अङ्ग १७०८ (१६४-१६६) पचास स्वक, परकीय और स्वकपरकीय अङ्ग १७०९-१६ (१६७-७२) दो शब्देय, दो रूपेय, दो गन्धेय, एक रसेय,
___ दो स्पर्शेय, और एक मणेय अङ्ग और फलादेश १७१७-१९ (१७३-७५) चार वातमण, दो सद्दमण और दश वर्णेय अङ्ग १७२०-२२
(१७६) दस अग्नेय अङ्ग १७२३
(१७७) दस जण्णेय अङ्ग १७२४
(१७८-७९) दो दर्शनीय और अदर्शनीय १७२५
(१८०) दस थल अङ्ग
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