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परम्परागत प्राकृत व्याकरण की समीक्षा और अर्धमागधी
उत्तराध्ययन उदगं 12.39
समितीओ 24.3,26
निक्कसिज्ज 1.7
जन्नवार्ड 12-13
खेत्ताणि 12.13
कम्माणि 13.26
बद्धमाणेण पासेण 23.29
आचारांग
पंसु वा पक्खि वा सरीसवं वा जलचरं वा 2.3.3.510
सव्वे सत्ता परितावेतव्वा उद्दवेतव्वा
1.4.2.136
एस आतावादी 1.5.5.171
दि... सदा अप्पमत्तेहि
एक ही ग्रंथ के अलग अलग उद्देशकों या अध्ययनों में अलग अलग पाठ (प्राचीन और उत्तरवर्ती)
1.1.4.33
सदा जते कालकंखी परिव्वए
1.3.2 116
(देखिए सूत्र नं. 164,165,173,187,195)
उदरण 12.38
समिओ 24.19
णिक्कसिज्ज 1.4
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जण्णाण 12.17
खेताई 12.15
कमाई 13.32 वद्धमाणेण पासेण 23.12
१२७
पसुं वा पक्खि वा सरीसवं वा जलयरं वा 2.4.2.539
सव्वे सत्ता ण परितावेयव्वा ण उदवेयन्वा 1.4.1.132 से आयावादी 1.1.1.3
मुणिणो या जागरंति 1.3.1 106
अप्पमत्ते सया परक्कमेज्जासि
1.4.1.133
( देखिए सूत्र नं. 158,182,
286,293
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