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के. आर. चन्द्र
इस विश्लेषण से स्पष्ट है कि ळकार का प्रयोग अर्धमागधी. और सभी प्राकृतों में परंपरा से चलता आया । कालान्तर में लेखन पद्धति के कारण प्राकृतों में से उसका लोप हो गया हो परन्तु अभी भी मराठी, गुजराती, आदि भाषाओं में उसका प्रयोग विद्यमान है । अर्धमागधी जैसी भाषा में से उसका लोप कर दिया जाने से उसकी प्राचीनता का एक लक्षण लुप्त हो गया ऐसा कहना अनुपयुक्त नहीं होगा।
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अपमादो अमतं पदं, पमादो मच्चुनो पदं । अपमत्ता न मीयन्ति, ये पमत्ता यथा मता ॥
Vigilence is the Path to Immortality (Nibbana), Negligence is the Path to Death. Vigilent People do not die, Those who are negligent are like unto the Dead.
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