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अर्धमागधी आगम-ग्रन्थों की प्राचीनता और उनकी रचना का स्थल
उससे यह सिद्ध होता है कि अर्धमागधी के प्राचीन ग्रन्थों की रचना 'पूर्वी भारत में हुई है । जैन परंपरा का भी यहीं दावा है कि अशोक से कितने ही वर्षा पूर्व (ई.स. पूर्व. चौथी शताब्दी) पाटलिपुत्र में आगमों की प्रथम वाचना की गयी थी । अर्धमागधी भाषा में जो प्राचीन और विशिष्ट रूप मिल रहे हैं क्या वे रचना संबंधी काल और स्थल की पुष्टि नहीं कर रहे हैं ? सामान्यतः आगमों का काल पाटलिपुत्र की वाचना का काल ही माना जाता है । 1. देखिए-जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग-1, ..
प. दलसुख भाई की प्रस्तावना, पृ. 51,
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