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आगम-ग्रंथोंमें......अर्धमागधी की स्थिति
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(ठ) प्रारंभिक दन्त्य नकार और ज्ञ के लिए किसीने नकार तो किसीने णकार अपनाया है :
म. जै. वि. के संस्करणों की शब्द – सूची से उदाहरण
न
= न,
ण
(संपा. पू. जंबूविजयजी) | (संपा.पू. पुण्यविजयजी) आचारांग सूत्रकृतांग उत्तराध्ययन दशवकालिक आवश्यकसूत्र णगिण
नग्ग
णट्ट
नट्ट
नर
णरणर, नर णरग रग
णरग
।
नरग
1. आवश्यक-नियुक्ति का रचनाकाल परवर्ती होते हुए भी उसके आगमोदय समिति के संस्करण में नकार ही प्रायः मिलता है (i) नत्थि, नाणाविह, निउण, निग्गुण, निजुत्ती, निहोस, (ii) नाण, नायव्व, सन्ना, (iii) उववन्न, (iv) अन्न
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