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आगम-ग्रंथोंमें......अर्धमागधी की स्थिति
पाठान्तर
मुद्रित
(लोप) लिप्पए (अ. 3) असिएण (अ. 3)
(यथावत्) आयाति (अ. 1) आगच्छति (अ. 1)
लिप्पते असितेण
आयाइ आगच्छद
(2) आचारांग और इसिभासियाइं में मध्यवर्ती त की स्थिति (शुबिंग संस्करण)
शुबिंग महोदय ने आचारांग (प्र. श्रु. स्कंध) की प्रतियों में कहीं कहीं पर मध्यवर्ती त यथावत् मिलते हुए भी अपने संस्करण में से उसे 'बी में पड़ी मक्खी की तरह' चुन चुन कर (मध्यवर्ती व्यंजन, विभक्ति या प्रत्यय) सभी स्थलों से बाहर निकाल फेंका है परंतु इसिभासियाई के संस्करण में ऐसा नहीं किया है । उसमें त की यथावत् स्थिति (कुछ अध्ययनों का ही विश्लेषण किया गया है ) इस प्रकार है :
यथावत्
लोप य
| लोप प्रतिशत | अध्ययन %
. .
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