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भागम-ग्रंथोंमें......अर्धमागधी की स्थिति
(४) इसिभासियाई
(शुबिंग)
(म.जै.वि.)
(अध्याय)
चउत्थं उवहाणवं आयाति भविदव्वं काहं जधा परिन्नाता
चतुत्थं उवधाण आयाइ भवितव्वं को,
जहा
परिण्णाता
वेदणा
वेयणा
घट्टति
घट्ट
(५) उत्तराध्ययन
(आल्सडर्फ) संभूत
(अ. सू.) 13.11
(अ)। (शाण्टियर) ।
संभूय | (म.जै.वि.)*
कामभोए भोगाई
(जै.वि.भा.) कामभोगे भोगाई
!
13.34
13.20
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'सामायारी' के 26 वें अध्ययन में मध्यवर्ती 'ग' म. जै. वि. के संस्करण में 7 बार यथावत् मिलता है जबकि सापेण्टियर और जै. वि भारती के संस्करण में ग का प्रायः लोप मिलता है।
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