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अट्ठाणवइमो संधि रोउ ण मारि-भुत्ति-उवसाहं चउ-वयणत्तणु जिण-चउरंगहं णिरवसेस-विज्जा-सामित्तणु छाहि-भंसु अ-णिमिस-णयणत्तणु अंग-समुट्ठिय-णह-केसत्तणु सिद्ध पसिद्ध एम देवत्तणु
घत्ता अइसय-संपत्तिउ वद्धियउ णव केवल-लद्धिउ लद्धियउ। तइलोक्क-पहुत्तण-धारएण सयमेव सयंभु-भडारएण।
इय रिट्ठणेमिचरिए धवलइयासिय-संयभुएव-कए
अट्ठावणइमो सग्गो॥
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