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अंगिरस -: -सरासणु करे करेवि पंचाल महारहु रणे विहत्तु स-धयग्गु स-चामरु छिण्णु चाउ करे स-सरु सरासणु अवरु लेवि वेहाविद्धण
जं जं धट्ठज्जुणु धरइ धम्मु आसंकिय पंडव एहु अवज्झ
हउ आसत्थामुल्लवहु एम
जं वोल्लिउ पंकयणाहेण पडवण्णु सव्वु तं सव्वेहिं
घत्ता
मालव- परमेसरु इंदधम्मु सो भीमें भीम - परक्कमेण हउ आसत्थामु धरत्ति पत्तु थिउ उम्मणु दुम्मणु कलसकेउ मुच्छा-विहलंघलु महि पवण्णु पत्तियइण कासु-वि णाम-भंतु किं सच्चउ आसत्थामु णत्थि महुमहेण वि दिज्जइ कण्ण-जाउ
तो अलियालाव- पहावेण रहु भरिउ जुहिलि - केरउ
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दोणायरिय-विणासयरु । एक्कु मुएप्पिणु णवर णरु ।।
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घत्ता
तो धाइय वाणासणई लेवि संजमियाणिज्जिय जमल तोणु
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वर वच्छदंत सर वीस लेवि
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स- तुरंगु स सारहि सायवत्तु किउ दुमयहो णंदणु हय-पयाउ गुरुविद्धु थणंतरे आहसेवि दोहाइउ कलस - महाधएण तं तं छिंदइ गुरु लहेवि जम्मु हरि कहइ करहो उवएसु मज्झु णिय-चावलट्ठि परिहरइ जेम
गुरु- वहकरणुक्कंवलई । महिहे चउद्दह अंगुलई ॥
तो तणउं महा-करि कूर-कम्मु धुप- केसर - केसरि - विक्कमेण जाइ हुदणु रणे समत्तु धणु छंडिउ पंडव - पलय - केउ कह कह-वि समुट्ठिउ लद्ध-सण्णु तवणंदणु पुच्छिउ सच्चवंतु पहु पभणइ घाइउ णरु ण हथि महिहरेण णरिंदहं कवणु पाउ
बाहत्तरिम संधि
पारावयास - सोणास वे - वि पवियंभइ रुंभइ पुरउ दोणु
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