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णिएवि वगासुर - णंदणु जउण- विओयर - जायहो
घत्ता
किय कडवंदणु रज्जु ण-रायहो
[१६]
वल्लाव ताम भीम अणतेण तुह णंदणो घाइओ जाउहाणेण मायरिस पुत्तेण वडिय पयावेण खर-वाहणा रक्खसा थरहरंतेहिं थक्को त्ति आलाउहो तेण कुद्धेण तेण-वि तहो घाइया लउडि- दंडेहिं चुणं गयाओ गयाओ - विघाएहिं वोल्लाविता पत्थो उविंदेण
घत्ता
भीम - अलाउह-संगरि
हरि-वयणंतरि
भडु एत्तहिं वि स-मच्छरु णाई सणिच्छरु
[१७]
खउ करंतु दुज्जोहण - सेण्णहो सोमय - सिंजयाहं रक्खस - वलु तो हल्लोहल्लिहूउ जणद्दणु धाउ धाउ हउ जणणु तुहारउ सरह भइमसेणि हरि-वयणें विणि वि भिडिय जाउ कडवंदणु rिass कंपमाणु महि-मंडले दिणु घाउ संचूरिउ रहवरु
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घत्ता
हे उप्पएवि पहरिसिउं थिउ अलि सामल - देहहो
भो भो पधाव प्पधाव प्पयत्तेण तं सुणेवि कोवग्गि-जज्जल्लमाणेण आयड्डियायत्त - सोवण्ण-चावेण हय पंच पंचेहि दूवच्छदंतेहिं भीमस्स छिण्णु धणु गिद्ध - चिंधेण णं मत्त तंवेरमा उद्ध-सुंडेहिं भग्गा महालाण - थंभ व्व णाएहिं तु भायरोमारिओ क्खसिंदेण
इकहत्तरिम संधि
कुरुवइ - दिहि- संपुण्णउ | पंडव - वलु आदण्णउ ॥
रुहिरु पदरिसिउ मेहु व मेहहो
अज्जुणु जिह जमु ढुक्कउ । कण्णहो वलिउ घुडुक्कउ ॥ ९
सच्चइ-जमल पधाइय कण्णहो णरु णरवइहि पर्वाड्डिय-कलयलु वुत्तु हिडिंवासुंदरि णंदणु
दुज्जउ जाउहाणु मायारउ धाइउ धूमकेउ णं गयणें हउ परिहेण विओयर-णंदणु चेयण लहेवि लउडि किय करयले स-धउ स
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-च्छत्तु स-सूयउ स - चामरु ८
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वग- सुउ सज्झस-मुक्कउ । उप्पर तहो - वि घुडुक्कउ ॥ ९
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