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रिट्ठणे मिचरिउ
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दिव्वाउहेहिं
सिल- पायवेहिं
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कुलिसाचलेहिं
असुरामरेहिं
अवरेहिं तेहिं
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पहरंति दोहिं
माहिं रमंति
चलणेहिं तुरंति
यणेहिं डहंति
ड- भुएण
तो दिढ - कवि किवाणु
सिरु छिण्णु तासु
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दुक्खवेवि खिवेवि सीसारविंदु रयणीयरु भीयरु सुड्डु जाउ अरुणच्छु दलु लहु लोहियासु संहारण तारण-सम-किरीडु भू-भाय- भयावह - भूरिभाउ धूमप्पह- कंस-मयंग - ताणु सोणिय - पुडिंग - चित्तलिय- चिंधु परिभमइ भमाडइ वइरि - सेण्णु
व-हुयवहेहिं घण - वायवेहिं
हरि-मयगलेहिं
गरुडोरगेहिं
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पच्छण्ण होहिं
णयले भमंति
वयणेहिं फुरंति सिक्किणि लिहंति
भीमहो सुण
सिहि सिह- समाणु
रयणीयरासु
घत्ता
जम-पडिविंवे
लेवि घित्तु हइडिंवे
रहवरे कउरव - रायहो ।
लइ लइ दुण्णय-दुम-फलु चक्खउ कुरु- वलु रस - विसेसु को आयहो ॥१३
पच्चारेवि खेरिवि कुरु-णरिंदु
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रहु पेल्लिउ मेल्लिउ सीह - णाउ थोरहि गठि णिप्फरिस पासु दुज्जोहण - साहण - पाण- पीडु वारहय- रयण- परिमाण - चाउ सय- साम- तुरंगम- जुत्त-जाणु णं णिम्मज्जायउ पलय- - सिंधु मं भज्जहो वलहो वलंतु कण्णु
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