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________________ २१५ आया हया हिं पीडिया भडा भडेहिं एवं ताई जुज्झिया एक्कई दीसंति अवरइं णासंति घत्ता [4] तहिं भीमें दप्पुप्पेहडाहं तो मयगल-भुवणे कल्ल-मल्लु स-सरासणु स-सरु असेय- देहु भद्देण मत्त-तंवेरमेण सव्वाहरणालंकरियएण मय- जल-कद्दमिय- महीयलेण धज्जुणेण तिहिं सरेहिं विद्धु विवरेवर करे पहरेहिं पयट्टु Jain Education International घत्ता कह कह - विदु वल-सायर- मज्झे ताम राय-राएण वंदिरो चंड- चंड- परदंड - डामरो काय - कंति - कसणीकयंवरो पाय- घाय-घाइय- रसायलो पाउसु व्व अणवरय - सीयरो चूरिया रहा मोडिया धया वोल्लिया भडा विहडिया घडा कुंजरेण उच्चाइओ रहो [६] विद्धया या धयेहिं फेडिया थडा थडेहिं जाम जीव- उज्झियाई भीम गयासणि चूरियई । सेण्णई र-सर- पूरियई । य-सल्लु सहसेक्कवीस चूरिय भडाहं ओराइड अवरु किरायणं स-धणु स-धारा- वरिसु मेहु अइरावय- करव-मणोहरेण परिभमिर - भमर - झंकारिएण पंडव- वलु विलुलिहिं मयगलेण पंचहिं सरेहिं पडीवउ णिसिद्धु किउ कलयलु भिल्लाहिउ वियट्टु मद्दकुसेण णियत्तियउ । णं गिरि-मंदरु घत्तिउ ॥ सत्तासीइमो संधि ८ For Private & Personal Use Only ११ ४ ८ ९ मंद-भद्द- -गय- चिंध-संधिरो संचलंत-चल-कण्ण - चामरो दंति - दंत-धवलिय- दियंतरो अग्गहत्थ-धुणिय-कमंडलो धाइ कियंतु व्व भीयरो तासिया हया णासिया गया तहिं स-संदणो धाइओ दुमय - णंदणो (?) परिभमाडिओ गिरि - समप्पहो ८ ४ www.jainelibrary.org
SR No.001429
Book TitleRitthnemichariyam Part 3 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorRamnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherPrakrit Text Society Ahmedabad
Publication Year1997
Total Pages282
LanguagePrakrit, Apabhransh
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size11 MB
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