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छायासीइमो संधि
घत्ता सारहि किवेण विहत्तु सल्लेहिं हय तुरंगम। पंडव थिय विच्छाया जिह फड-भग्ग भुअंगम ॥
पीडिए धम्म-पुत्ते अणुजेहें सउणिहे धणु पाडिउ आरुट्टे सूयहो छिण्णु सीसु हय हयवर पुणु सय-संख विसज्जिय सरवर जलु थलु गयणु दियंतरु झंपिउ सल्लहो कवउ खुरुप्पें कप्पिउ तेण-वि सहस-धारु सय-चंदउ __लइउ स-मंडलग्गु वसुणंदउ धाइउ घाय दिंतु णित्तिंसउ णउलहो खंडियाउ रह-ईसउ दुम्मय-सुएहिं ताम फरु छिज्जइ भीमें असिवरु दोहाइज्जइ खग्ग-खंडु फेरंतु मुहुम्मुहु धाइउ धम्म-सुयहो सवडम्मुहु विसम दिट्टि किय णवर णरिंदें आसीविसेण णाई भुयइंदें
घत्ता
जणु पभणइ पहु को-वि जगु जे जंतु संधारहो। सल्लु ण जाणहुँ केम ण हुउ पुंजुरणे छारहो।
[२०] विक्कम-सारें णिरुवम-विढे लक्ष्य सत्ति भीमज्जुण-जेहें स-कुसुम-गंध-धूव-अहिवासिय हेमदुम-माणिक्क-विहूसिय घंटा-मुहल पडायालंकिय तेल्ल-धोय-धारा णिय-वंकिय मुक्क ढुक्क वोक्कंति ण दिट्ठिय उरे वम्मई भिंदंति परिट्ठिय लक्खणु जिह सल्लिउ वच्छ-त्थले मुउ ओणल्लु सल्ल महि-मंडले पंडव-वले दिण्णइं वाइत्तइं कउरव-जोहहं पडियई चित्तई दुजोहणु मणेण आदण्णउ जणु पभणइ तव-णंदणु धण्णउ सई पेक्खंतहो आसत्थामहो जो उव्वरिउ सल्लु संगामहो
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