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बयासीइमो संधि
कउरव चिंतावंतिण विओयरु जिम जमु जिम कु-वि जमहो सहोयरु एउ अमाणुस-कम्मु ण अण्णहो णासेवि सरणु सव्व गय कण्णहो जं अवसेसु सेण्णु उव्वरियउं णर-णाराएहिं तमि-जज्जरियउं पावणि पत्थ-पुट्टि परिपूरइ जो जो ढुक्कइ तं तं चूरइ ता रवि-सुयहो सल्लु दरिसावइ एहु णरु एहु णारायणु आवइ जिह खय-कालु कालु ण पडिच्छइ किय पइज्ज पई हणेवि समिच्छइ एहु सो मोट्टियारु कलियारउ वग-हिडिंव-किम्मीर-वियारउ णरवइ णिरवसेस परिसेसइ अवुहु व दूसासणु जे गवेसइ
___ घत्ता जिह सक्कहु तेवं णिय-सरीर-रक्खा करहु । छह-घडियह मज्झे णं तो विहि-मि वे-वि मरहु॥
पभणइ अंगराउ मद्दाहिव तिह हउं हणमि असेसई वूहई लइय छत्तु ताम भीमज्जुण तहिं रहु वाहि वाहि सुरसुंदर तो जत्तारें चोइउ संदणु जंण-विहुवउ ण होइ ण होसइ डहइ दवग्गि व तरु-गिव-कक्खइं सीह-किसोरु व करि संतावइ
घत्ता जणमेजउ भग्गु सिरु खुडेवि स-वाहु
पंडवेहिं परज्जिय पत्थिव हय-गय-रह-वर-रहिय-समूहई जहिं सच्चइ-सिहंडि-धट्ठज्जुण रणु णियंतु जम-धणय-पुरंदर किउ रवि-सुएण घोरु कडमद्दणु रवि व महण्णव-सलिलई सोसइ गरुडु व गसइ भुवंगम-लक्खइं वइवस-महिसु व हय विहडावइ
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सच्चइ रण-मुहे वि-रहु किउ । इंदधम्मु जम-णयरु णिउ॥
खुडिउ सीसुजं मालव-णाहहो सच्चइ स-धणु स-संदणु धाइउ
तं फलु दक्खवंतु अवराहहों विससेणहो लहु भायरु घाइड
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